वह मारते रहे, हम सहते रहे; पीएम ने कहा- मुजाहिद लहू चख गए थे, 75 साल चला सिलसिला
अगर उसी दिन इन मुजाहिदों को मौत के घाट उतार दिया गया होता और सरदार पटेल की इच्छा थी कि पीओके वापस नहीं आता है तब तक सेना रुकनी नहीं चाहिए। लेकिन सरदार साहब की बात नहीं मानी गई और ये मुजाहिद जो लहू चख गए थे।

पीएम मोदी ने कहा- उसी रात पहला आतंकवादी हमला कश्मीर की धरती पर हुआ था। मां भारती का एक हिस्सा आतंकवादियों के बलबूते पर मुजाहिदों के नाम पर पाकिस्तान ने हड़प लिया। अगर उसी दिन इन मुजाहिदों को मौत के घाट उतार दिया गया होता और सरदार पटेल की इच्छा थी कि पीओके वापस नहीं आता है तब तक सेना रुकनी नहीं चाहिए। लेकिन सरदार साहब की बात नहीं मानी गई और ये मुजाहिद जो लहू चख गए थे, वह सिलसिला 75 साल से चला है। पहलगाम में भी उसी का विकृत रूप था।
पीएम ने कहा कि पाकिस्तान के साथ जब युद्ध की नौबत आई, तीनों बार भारत की सैन्य शक्ति ने पाकिस्तान को धूल चटा दी। पाकिस्तान समझ गया कि लड़ाई में वह भारत से जीत नहीं सकते। इसलिए उसने प्रॉक्सी वॉर शुरू किया। सैन्य प्रशिक्षण होता है, सैन्य प्रशिक्षित आतंकवादी भारत भेजे जाते हैं और निर्दोष निहत्थे लोग, कोई यात्रा करने गया है, कोई बस में जा रहा है, कोई होटल में बैठा है, कोई पर्यटक बनके जा रहा है। जहां मौका मिला वे मारते रहे, मारते रहे, मारते रहे और हम सहते रहे। आप मुझे बताइए क्या अब यह सहना चाहिए। क्या गोली का जवाब गोले से और ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए। कांटे को जड़ से उखाड़ देना चाहिए।
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