Apara ekadashi 2024: इस तारीख को है अपरा एकादशी, पढ़ें अपरा एकादशी व्रत कथा
Apara Ekadashi vrat Katha:इस साल अपरा एकादशी व्रत 2 जून को रखा जाएगा। यह ज्येष्ठ मास की एकादशी है। एकादशी व्रत बहुत पुण्य देने वाला माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो मनुष्य एकादशी का व्रत करता है और

इस साल अपरा एकादशी व्रत 2 जून को रखा जाएगा। यह ज्येष्ठ मास की एकादशी है। एकादशी व्रत बहुत पुण्य देने वाला माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो मनुष्य एकादशी का व्रत करता है और भगवान विष्णु मां लक्ष्मी की पूजा करता है, उसे विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। इस व्रत के नियमों का पालनी दशमी तिथि से ही हो जाता है। एकादशी के दिन भूलकर भी चावल नहीं खाने चाहिए। इस व्रत के दौरान पेड़ से पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। दशमी, एकादशी और द्वादशी के दिन कांसे के बर्तन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। एकादशी के दिन व्रत रखें और द्वादशी में चावल का इस्तेमाल करना चाहिए। इस दिन यह कहानी जरूर पढ़नी चाहिए। यहां पढ़ें एकादशी व्रत की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, महिद्वाज नाम का एक राजा था जो बहुत धर्मपरायण और दयालु था। राजा और उनका छोटा भाई महल में रहते थे। राजा का छोटा भाई वज्रध्वज उससे एकदम अलग स्वभाव का था और उसे अपने भाई का व्यवहार पसंद नहीं था। वह हमेशा ही इस फिराक में रहता था कि किस तरह से राज्य को हथिया लिया जाए। इसके लिए वह राजा को मारने की साजिश रचता रहता था., क दिन मौका पाकर उसने अपने भाई को मार दिया और एक पीपल के पेड़ के नीचे दफना दिया।
लेकिन अकाल मृत्यु के कारण, महिद्वाज को मोक्ष नहीं मिल रहा था. इस तरह से वह उस पेड़ पर एक आत्मा के रूप में रहता था और उस पेड़ से गुजरने वाले हर व्यक्ति को डराता था। एक बार एक ऋषि वहां से गुजरें औ्र उन्होंने उस आत्मा की बात सुनी और मोक्ष दिलाने के लिए खुद ही अपरा एकादशी व्रत रखा और उसका फल राजा को दे दिया। भगवान विष्णु के व्रत और आशीर्वाद के प्रभाव से, महिद्वाज की आत्मा मुक्त हुई और उसने मोक्ष को प्राप्त किया।