बिहार में नए 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनेंगे; DGP ने सरकार को भेजा प्रस्ताव, केसों के निपटारे में आएगी तेजी
अपराधियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल पर जोर देते हुए डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि लंबित केसों के निष्पादन को लेकर करीब 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। नए फास्ट ट्रैक कोर्ट में हत्या, लूट, डकैती जैसे गंभीर मामलों की सुनवाई होगी। जिससे केसों से निपटारे में तेजी आएगी।

बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने पटना में अपराध पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि अपराधियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल पर जोर दिया जा रहा है। ट्रायल के स्तर पर लंबित केसों के निष्पादन को लेकर करीब 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। उन्होंने कहा कि 2011 तक फास्ट ट्रैक कोर्ट होने की वजह से ही बड़ी संख्या में लंबित केसों का निपटारा हुआ था। नए फास्ट ट्रैक कोर्ट में हत्या, लूट, डकैती जैसे गंभीर मामलों का विचारण होगा। साथ ही पराधियों की संपत्ति जब्त करने की दिशा में कार्रवाई तेज कर दी गई है।
डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि एक भी हत्या साल में होगी तो सहने लायक नहीं है, सबको जीने का अधिकार है। 2004 के आसपास 4000 हत्याएं हुई। आज की तारीख में 2400 हत्याएं हुई। हत्या की घटनाओं को 2004 से 2024 से कंपेयर कीजिए तो वो कम है। साथ ही जीरो टॉलरेंस के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम जारी है। निगरानी की ओर से अभी तक दो दर्जन से अधिक भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारी को पकड़ा जा चुका है। बिहार में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में तेजी आई है।
वहीं 20 जून को पीएम मोदी के बिहार दौरे को लेकर डीजीपी ने बताया कि प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर हम लोग साइट पर भ्रमण कर चुके हैं। मुख्य सचिव के स्तर से व्यापक समीक्षा हुई। पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल उपलब्ध कराया गया है। विनय कुमार ने बताया कि राज्य के 1172 अपराधियों की पहचान की गई है, जिनकी संपत्ति जब्त की जाएगी। इनमें से 188 के खिलाफ कोर्ट में भी प्रस्ताव भेज दिया गया है। 4 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का कोर्ट की ओर से आदेश मिल गया है।