बिहार और यूपी के बीच गंगा नदी पर एक और पुल बनेगा, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा
बिहार और यूपी के बीच गंगा नदी पर एक नया पुल बनाया जाएगा। यह बक्सर और भरौली के बीच बनेगा। इसका निर्माण कार्य इसी साल शुरू होने वाला है। इसकी मिट्टी जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

बिहार और उत्तर प्रदेश को जोड़ते हुए गंगा नदी पर एक और नया पुल बनाया जाएगा। बक्सर (बिहार) और भरौली (यूपी) के बीच तीन लेन के नए पुल की कवायद शुरू हो गई है। यह पूर्वाचंल के साथ ही ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा। फिलहाल, पुल के पिलरों की मिट्टी जांच की जा रही है। कंट्रक्शन कंपनी एसीएस इंफ्राटेक एक से डेढ़ महीने तक 170 फीट बोरिंग कर मिट्टी के नमूने जांच के लिए नई दिल्ली भेजेगी। वहां से जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद पुल निर्माण का कार्य धरातल पर शुरू हो जाएगा। वर्तमान में मिट्टी जांच का कार्य यूपी के भरौली की तरफ चल रहा है।
तीन लेन के बनने वाले नए पुल में कुल 40 खंभे होंगे। उसमें 08 खंभे गंगा नदी के गर्भ में बनाए जाएंगे, जबकि 32 खंभें नदी के दोनों तरफ धरातल पर बनेंगे। इनमें पहला खंभा बक्सर की तरफ से शुरू होगा, जिसे पी-1 तथा आखिरी खंभा भरौली की तरफ होगा, जिसे पी-40 कहा जाएगा। एनएचएआई की सक्रियता के बाद संभावना जतायी जा रही है कि तय सीमा के अंदर पुल निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
गंगा नदी पर नया पुल बनाने की घोषणा पिछले साल आम बजट में केंद्र सरकार ने की थी। घोषणा के 2 महीने बाद ही एनएचएआई ने डीपीआर बनाकर उसकी अधिसूचना जारी कर दिया था, लेकिन तकनीकी खामियों के चलते उसे रद्द कर दिया गया। दूसरी बार अधिसूचना के बाद पटना-बक्सर फोरलेन का निर्माण करने वाली कंपनी पीएनसी इंफ्राटेक को कार्य का जिम्मा मिला था। लेकिन, उसमें भी तकनीकी खामियां आड़े आ गई और टेंडर रद्द करना पड़ा।
फिर इस साल 9 जनवरी को तीसरी बार वर्क ऑर्डर जारी किया गया, जिसमें एएससी इंफ्राटेक को कार्य कराने का जिम्मा मिला। विभाग की मानें तो मिट्टी जांच के बाद अगले माह 15 जून से धरातल पर कार्य शुरू हो जाएगा।
वीर कुंवर सिंह सेतु से पश्चिम बनेगा नया पुल
कुल 368 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले इस पुल की कुल लंबाई 3.2 किलोमीटर है। इसमें पुराने वीर कुंवर सिंह सेतु के बगल में पश्चिम तरफ कुल 1.2 किलीमीटर लंबा नया पुल बनेगा। वहीं, भरौली (यूपी) की तरफ 2 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोटरी का निर्माण होगा। इस एलिवेटेड रोटरी से 2 लेन के बने नए पुल के एप्रोच को भी जोड़ा जाएगा। यानी, गंगा उस पार भरौली की तरफ एप्रोच पूरी तरह एलिवेटेड हो जाएगा।
सबसे बड़ी समस्या बक्सर गोलंबर की है, जहां एनएचएआई ने अपनी कार्य योजना में एलिवेटेड रोटरी को शामिल नहीं किया है। स्थानीय श्रवण चौबे, अंबिका सिंह, प्रदीप जायसवाल ने बताया भरौली की तरह बक्सर गोलंबर के पास भी एलिवेटेड रोटरी का निर्माण होना चाहिए। इससे शहर के लोगों को जाम से जूझना नहीं पड़ेगा।
वहीं लोगों की मानें तो उन्हें एक जगह से दूसरे जगह जाने में राहत मिलेगी। लोगों का कहना है कि कई अन्य जगह से इस तरह की सुविधाएं मुहैया कराने की जरूरत है।