Bihar Hosts First Rana-Bhamashah Conference to Celebrate Historical Legacy पटना में राणा-भामाशाह सम्मेलन ऐतिहासिक होगा : संतोष , Ara Hindi News - Hindustan
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पटना में राणा-भामाशाह सम्मेलन ऐतिहासिक होगा : संतोष

फोटो 12 : राणा-भामाशाह सम्मेलन की तैयारी के लिए बैठक करते श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह व अन्य।

Newswrap हिन्दुस्तान, आराMon, 5 May 2025 09:45 PM
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पटना में राणा-भामाशाह सम्मेलन ऐतिहासिक होगा : संतोष

आरा, संवाददाता। बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह आगामी नौ मई को पटना में होने वाले राणा-भामाशाह सम्मेलन हेतु निमंत्रण देने आरा पहुंचे और कार्यकताओं के साथ सम्मेलन की तैयारी बैठक की। मंत्री ने कहा कि महाराणा प्रताप और भामाशाह के संबंध को जीवंत रखने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन देश में पहली बार बिहार में होने जा रहा है। जहां देश के स्वाभिमान की बात आती है, वहां महाराणा प्रताप का नाम पहले आता है और जहां देश के लिए महादान और संबंध की बात आती है, वहां भामाशाह का नाम आता है। अतीत की जानकारी नई पीढ़ी को होना जरूरी है।

अपने राष्ट्र को सर्वोपरी रख कर स्वाभिमान के साथ कोई समझौता न करते हुए इन दोनो महापुरुषों का संबंध अतुलनीय और ऐतिहासिक है। युगों-युगों तक राणा और भामाशाह के संबंध को याद रखा जाएगा। अपनी भारतीय संस्कृति और सामाजिक सद्भावना का प्रतीक है यह सम्मेलन। उक्त सम्मेलन में पूरे बिहार से लोग पहुंच रहे है। शाहाबाद की धरती बाबू कुंवर सिंह की वीर धरती है और वीरों का सम्मेलन या कार्यक्रम हो और शाहाबाद की भागीदारी न हो तो उस कार्यक्रम का कोई महत्व नहीं है। पूरे शाहाबाद के सभी चारों जिलों के गांवों में मैंने संपर्क किया। सभी लोगों के बीच उक्त सम्मेलन को लेकर गजब का उत्साह है। पूरे बिहार में सबसे अधिक लोग शाहाबाद से ही शामिल होंगे। पूर्व विधायक संजय सिंह टाइगर, पूर्व जिला महामंत्री श्रीभगवान सिंह, पूर्व जिला उपाध्यक्ष आदित्य विजय प्रताप सिंह, भाजपा नेता गुड्डू सिंह बबुआन, रामदिनेश यादव, पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष प्रकाश सिंह, संजय कुमार सिंह, किरण स़िंह, मनीष प्रभात, राहुल सिंह, कामेश्वर सिंह, पूर्व मुखिया विजय सिंह सहित भाजपा कार्यकर्ता और जनता शामिल थे। जातीय जनगणना का निर्णय राष्ट्रहित में मंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना का निर्णय राष्ट्रहित में लिया गया निर्णय है। इसका उदेश्य देश में फैले वैसी जातियों की गणना से है, जो आज भी समाज के अंतिम पायदान पर खड़े हैं। केन्द्र की मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास से विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प ले चुकी है और इसमे सभी की सहभागिता होगी।

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