झामुमो कार्यकारिणी को संतुलित बनाने का प्रयास, पार्टी के विस्तार की जिम्मेदारी
झारखंड के साथ ही बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल प्रतिनिधियों को शामिल किया गया, आगे छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, असम जैसे राज्यों के झामुमो नेताओं को भी शामिल क

रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो झारखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने केंद्रीय कार्यकारिणी समिति का गठन कर दिया है। पार्टी के महासचिव सह प्रवक्ता की जिम्मेदारी मिलने के बाद विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने एक संतुलित टीम बनाई है। अब इस टीम की यह जिम्मेदारी है कि वह झामुमो संगठन को राज्य के बाहर भी मजबूत बनाए। केंद्रीय कार्यकारिणी समिति में झारखंड के साथ ही बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। संगठन में आगे चल कर छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, असम जैसे राज्यों के झामुमो नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। हेमंत की टीम में सभी विधायक, सांसद, मंत्री को जगह दी गई है।
अनुभवी वरिष्ठ नेताओं के साथ नवोदित को भी शामिल किया गया है। अध्यक्ष हेमंत ने ऊर्जा और अनुभव में संतुलन बनाकर झामुमो को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के रूप में स्थापित करने की दिशा में आगे लेकर चलने का अपना इरादा स्पष्ट कर दिया है। झामुमो महाधिवेशन के दौरान अध्यक्ष चुने जाने पर हेमंत सोरेन ने अपने पहले संबोधन में तीन महत्वपूर्ण बातें संगठन के समक्ष रखी थीं। पहला, झामुमो में अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़ा जाएगा। दूसरा, पार्टी में सबके लिए समान अनुशासन लागू होगा। पार्टी में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है। सांसद, विधायक, पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ता सबके लिए समान अनुशासन है। झामुमो से जुड़े मृत आंदोलनकारियों के आश्रितों को एक लाख रुपये की मदद झामुमो करेगा। झामुमो केंद्रीय कार्यकारिणी में क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों में भी संतुलन बनाने का प्रयास दिखता है। इसके 63 सदस्यों में आठ महिलाएं हैं, जबकि करीब 50 फीसदी जनजातीय समाज के लोगों को शामिल किया गया है। इनमें सांसद, विधायक और मंत्री भी शामिल हैं। समिति में कुरमी जाति के छह के अलावा चार मुसलमान और 4 ब्राह्मण हैं। अनुसूचित जाति, भूमिहार, राजपूत, यादव और कायस्थ समाज को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है। कार्यकारिणी में स्पीकर के शामिल करने पर सफाई दूसरी ओर पूर्व झारखंड विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने वर्तमान अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो को कार्यकारिणी सदस्य में शामिल किए जाने पर बयान देते हुए कहा है कि विधानसभा का सदस्य होने के बाद कोई व्यक्ति अगर अध्यक्ष बन जाता है, तो उन्हें स्वत: संबंधित पार्टी का पद स्वीकार नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि अध्यक्ष का पद निष्पक्ष एवं तटस्थ होता है। ऐसा नहीं होने पर सदन के सभी सदस्यों को अध्यक्ष एक समान नहीं समझेंगे। झामुमो महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा रबींद्र नाथ महतो सबसे पहले पार्टी के सदस्य हैं, उसके बाद वह पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़े और विधायक निर्वाचित होने के बाद स्पीकर चुने गए। उन्हें पार्टी का कार्यकारिणी सदस्य बनाने में तकनीकी रूप से कोई अड़चन नहीं है। झामुमो की 63 सदस्यीय केंद्रीय कार्यकारिणी शिबू सोरेन : संस्थापक संरक्षक हेमंत सोरेन : अध्यक्ष उपाध्यक्ष : नलिन सोरेन, प्रो. स्टीफन मरांडी, रूपी सोरेन, सविता महतो, सरफराज अहमद, मथुरा प्रसाद महतो, बैद्यनाथ राम, रामदास सोरेन महासचिव-प्रवक्ता : विनोद कुमार पाण्डेय, साथ ही प्रभारी कोषाध्यक्ष, सुप्रियो भट्टाचार्य महासचिव : फागु बेसरा, जोबा मांझी, मिथिलेश कुमार ठाकुर सचिव : अभिषेक प्रसाद पिंटु, नन्दकिशोर मेहता, पंकज मिश्रा, समीर मोहंती प्रवक्ता : हेमलाल मुर्मू, कुणाल षाड़ंगी, मनोज कमार पाण्डेय कार्यकारिणी सदस्यः दीपक बिरुआ, सुदिव्य कुमार सोनू, चमरा लिंडा, योगेन्द्र महतो, विजय हांसदा, महुआ माजी, रबींद्र नाथ महतो, कल्पना मुर्मू सोरेन, मोहन कर्मकार, संजीव बेदिया, डॉ. कमल नयन सिंह, निरल पूर्ति, दशरथ गगराई, बसंत सोरेन, हफिजुल हसन, सुमन महतो, निजामुद्दीन अंसारी, सुखराम उरांव, भूषण तिर्की, मंगल कालिंदी, जिगा सुसरण होरो, विकास सिंह मुंडा, संजीव सरदार, राजु गिरी, गणेश चौधरी, एमटी राजा, धनंजय सोरेन, आलोक सोरेन, डॉ. लुईस मरांडी, उदय शंकर सिंह, उमाकान्त रजक, जगत मांझी, सुदीप गुड़िया, रामसूर्या मुंडा, अमित महतो, अनंत प्रताप देव, अंजनी सोरेन, पटवारी हांसदा, परेश मरांडी और बिट्टु मुर्मू।
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