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रोजगारपरक विषय की नहीं होती है पढ़ाई, विद्यार्थियों को नहीं मिलता है ज्ञान

-इन विषयों के लिए शिक्षक नियुक्त करने की उठ रही मांग, ई शिक्षा नीति के तहत स्नातक स्तर पर पढ़ाई में बदलाव कर दिया गया है। शैक्षणिक सत्र 2023-27 से ही चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू है

Newswrap हिन्दुस्तान, आराThu, 17 April 2025 09:10 PM
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रोजगारपरक विषय की नहीं होती है पढ़ाई, विद्यार्थियों को नहीं मिलता है ज्ञान

-इन विषयों के लिए शिक्षक नियुक्त करने की उठ रही मांग -स्पोर्ट्स, एनसीसी और एनएसएस के लिए भी हो पहल आरा, निज प्रतिनिधि। नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक स्तर पर पढ़ाई में बदलाव कर दिया गया है। शैक्षणिक सत्र 2023-27 से ही चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू है। इस सत्र के विद्यार्थियों की तीन सेमेस्टर की परीक्षा भी ली जा चुकी है। अब चौथे सेमेस्टर की परीक्षा होने वाली है। हालांकि, नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थी जो विषय चुन रहे हैं, उसमें कई विषयों की पढ़ाई ही नहीं हो रही है। कोर विषय मेजर कोर्स, माइनर कोर्स और एमडीसी के अलावा अन्य रोजगारपरक विषय एसईसी (स्कील एन्हांसमेंट कोर्स) और वैल्यू एडेड कोर्स के लिए शिक्षक ही नहीं है। ये विषय भी मेजर कोर्स सहित अन्य कोर्स की पढ़ाई कराने वाले शिक्षकों को पढ़ाना पड़ रहा है, जबकि कई जगहों पर इसकी पढ़ाई ही नहीं होती है। बता दें कि सेमेस्टर चार में एईसी (एबिलिटी एन्हांसमेंट कोर्स) में स्पोर्ट्स, एनसीसी और एनसएस विषय शामिल किया गया है, जबकि विद्यार्थियों को इसका ज्ञान नहीं मिल रहा है। इधर, सेमेस्टर टू में एसईसी में पर्सनल डेवलपमेट एंड कम्युनिकेशन, स्क्रिप्ट राइटिंग, बिग डाटा एनालिसिस है। वहीं वीएसी में एथिक्स एंड वैल्यू एंड फंडामेंटल ड्यूटीज, योगा विषय और एईसी में पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई को शामिल किया गया है। दरअसल इन विषयों की पढ़ाई को सिलेबस में विद्यार्थियों के कौशल विकास को लेकर शामिल किया गया है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। पीटीआई के जिम्मे स्पोर्ट्स की पढ़ाई करने की मांग शिक्षा से जुड़े जानकारों की मानें तो रोजगारपरक कोर्स स्पोर्ट्स की पढ़ाई पीटीआई के माध्यम से हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रह है। इसके भी कई कारण हैं, क्योंकि अधिकतर जगहों पर पीटीआई तक नहीं है। बता दें कि जो विद्यार्थी इन विषयों को चुन रहे हैं, उन्हें इसका ज्ञान मिलना चाहिए। वहीं एनएसएस की पढ़ाई एनएसएस विभाग और एनसीसी की पढ़ाई एनसीसी ऑफिसर के माध्यम से होना चाहिए। हालांकि कई जगहों पर एनएसएस की गतिविधियां भी सही ढंग से कार्य नहीं करती हैं। ऐसे में एनएसएस को सुचारू ढंग से चालू करने की पहल होनी चाहिए।

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