अररिया में 33 हजार से अधिक बच्चों के फर्जी एडमिशन की आशंका
188 विद्यालय व एचएम जांच की जद में, जिले में हड़कंप तीन वित्तीय

188 विद्यालय व एचएम जांच की जद में, जिले में हड़कंप तीन वित्तीय वर्ष के सभी तरह की पंजियों के साथ एचएम को उपस्थित होने का निर्देश डबल एडमिशन के जरिए एमडीएम सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं की राशि उठाने की संभावना जांच से खुलासा, हैरत में शिक्षा विभाग के भी अधिकारी सवाल: आखिर बढ़ने की वजाय अचानक घट कैसे गये 33 हजार बच्चे, फर्जीवाड़ा की बू चिह्नित 188 प्रारंभिक स्कूल से लेकर माध्यमिक विद्यालयों के एचएम पर डीईओ ने शुरू की कार्रवाई अररिया, वरीय संवाददाता अररिया जिले के 188 विद्यालयों में 33 हजार से अधिक बच्चों के एडमिशन फर्जी होने की आशंका है।
दो सत्र वर्ष में बच्चों की संख्या में काफी अंतर आने के बाद शिक्षा विभाग के कान खड़े हो गये। इसे देख शिक्षा विभाग के अधिकारी भी हैरत में हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीईओ ने इन विद्यालयों के एचएम को सभी तरह की पंजियों के साथ जिला मुख्यालय बुलाने का निर्देश जारी किया ताकि इसकी बिन्दूवार जांच हो सके। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई तय है। खास बात ये कि कार्रवाई की जद में आए ये 188 स्कूल प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक स्तर के हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में यू डायस के अनुसार इन विद्यालयों में एक लाख पांच हजार 505 बच्चे नामांकित थे। लेकिन 2024-25 में अचानक घटकर 72 हजार के नीचे आ गये। यह आंकड़े ताज्जूब करने वाली थी। आंकड़े देखने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी भी अचरत में पड़ गये। अमूमन यह संख्या बढ़नी चाहिए थी लेकिन घट कैसे गये। ऐसा कैसे संभव है। यही कारण है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए डीईओ संजय कुमार ने इन 188 एचएम को चह्नित करते हुए इनको पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 व 2024-25 के साथ-साथ वर्तमान वर्ष 2025-26 के एमडीएम सहित अन्य सभी तरह की पंजियों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है। डीईओ के इस कार्रवाई से जिले में जहां हड़कंप मचा है। डीईओ ने बताया कि 2023-24 में यू डायस में इन 188 विद्यालयों में एक लाख पांच हजार 505 बच्चे नामांकित थे जबकि 2024-25 में घटकर 71 हजार 994 हो गये। यानी 33 हजार 511 बच्चे कम। अमूमन यह संख्या बढ़नी चाहिए, लेकिन घट कैसे गयी। इसकी बिन्दूवार जांच की जाएगी। बताया कि इसमें अधिकांश डबल या ट्रिपल एडमिशन वाले बच्चे हो सकते हैं। जिनका निजी विद्यालय, मदसा व स्कूल तीनो में नाम हो सकता है। एमडीएम व अन्य सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ऐसा किया गया प्रतीत होता है। पूरे मामले की संजीदगी से जांच की जा रही है। जो भी दोषी होंगे उन पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। यहां बता दें कि 2024 में केके पाठक के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव बनने के बाद विद्यालयों से ट्रिपल व डबल एडमिशन वाले बच्चों का नाम काटने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी। नियमित रूप से स्कूल नहीं आने वाले बच्चों का भी नाम हटाने का निर्देश दिया गया था। केके पाठक के खौफ का आलम यह हुआ कि एचएम अचानक छद्म नाम के बच्चों को रजिस्टर से नाम काटना शुरू कर दिया। इससे अचानक बच्चों की संख्या घट गयी। आशंका है कि ये वही बच्चे हैं जिनका नाम प्राइवेट स्कूल व मदरसा दोनो में था लेकिन वे सरकारी स्कूल से कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे। केके पाठक के खौफ से छद्म बच्चों का कटा नाम: अधिकारी भी मानते हैं कि तत्कालीन शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक के खौफ के चलते ही इन स्कूलों के एचएम ने कार्रवाई की जद से बचने के लिए अपने यहां के डबल एडमिशन वाले छद्म बच्चों का नाम काटना शुरू कर दिया। शायद इसी कारण दूसरे सत्र में इनकी संख्या 33 हजार कम हो गयी। डीईओ की माने तो दोषी पाये जाने पर इन हेडमास्टरों से राशि रिकवरी की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक 33 हजार का यह आकंड़ा बढ़ भी सकता है। क्योंकि ये 188 वैसे विद्यालय हैं जहां एक सौ से अधिक का अंतर मिला है। सौ से कम अंतर के भी सैकड़ों स्कूल हैं। द्वितीय चरण में इसकी जांच हो सकती है। यानी हेडमास्टरों को फिलहाल राहत मिलने वाली नहीं है। किस प्रखंड में कितने एचएम कार्रवाई की जद में: सिकटी 07 कुर्साकांटा 01 पलासी 15 जोकीहाट 39 अररिया 34 नरपतगंज 22 भरगामा 12 रानीगंज 27 फारबिसगंज 31 बोले डीईओ: डबल एडमिशन के जरिये एमडीएम सहित अन्य सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी की आशंका है। छद्म नामांकन के आधार पर बच्चों की छद्म उपस्थिति दिखाकर एमडीएम योजना की राशि व खाद्यान्न में गबन की संभावना है। छद्म नामांकन कर वैसे छात्रों को सरकारी योजनाओं की राशि दिलाई गयी जो उस विद्यालय में पढ़ते ही नहीं थे। यह बड़ा अपराध है। जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगी, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -संजय कुमार, डीईओ अररिया।
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