तुर्किए में कांग्रेस का ऑफिस? कांग्रेस ने BJP नेता और पत्रकार के खिलाफ दर्ज कराया मानहानि केस
Amit Malviya: कांग्रेस पार्टी ने भाजपा नेता अमित मालवीय के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा नेता और एक पत्रकार ने मिलकर यह झूठ फैलाया है कि कांग्रेस पार्टी का मुख्यालय तुर्किए की राजधानी इंस्ताबुल में है।

Congress Party: कांग्रेस पार्टी ने भाजपा नेता अमित मालवीय और एक वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी के नेता और आईटी सेल के हेड अमित मालवीय और सीनियर पत्रकार अर्णब गोस्वामी ने जानबूझकर कांग्रेस की छवि खराब करने के लिए गलत सूचना फैलाई है कि तुर्किए में कांग्रेस पार्टी का एक दफ्तर है। कांग्रेस की लीगल सेल ने इस केस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ऐसी गलत सूचना फैलाने का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी की छवि को खराब करने, अशांति फैलाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करना है, यह लोकतंत्र पर सीधा हमला करने का प्रयास था।
यूथ कांग्रेस लीगल सेल ने एफआईआर की कॉपी को सार्वजनिक रूप से शेयर करते हुए जानकारी दी कि इन दोनों ने मिलकर लोकसभा प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की छवि को खराब करने की कोशिश की है। अब हम चुप नहीं बैठेंगे। केस दर्ज कराने वाले यूथ कांग्रेस लीगल सेल के हेड श्रीकांत स्वरूप ने कहा, "इन दोनों के द्वारा किया गया यह दावा पूरी तरह से गलत है, कांग्रेस पार्टी का कोई भी ऑफिस इस्तांबुल में नहीं है।"
श्रीकांत ने कहा, "इन दोनों द्वारा किया गया यह काम भारतीय जनता को धोखा देने के लिए था। इस तरीके से बयान देकर इन्होंने देश की एक प्रमुख राजनैतिक पार्टी को बदनाम करने और राष्ट्रवादी भावनाओं से छेड़छाड़ करने की कोशिश की है।"
बकौल स्वरूप मालवीय और गोस्वामी की हरकतें भारत के लोकतांत्रिक नींव पर एक भयानक हमला हैं। यह हरकत आपराधिक इरादे से की गई है। इन दोनों ने अपनी पहुंच का दुरुपयोग किया है। इसलिए इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। स्वरूप ने भारतीय प्रेस परिषद, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, सीबीआई और अन्य एजेंसियों से इस केस को प्राथमिकता से देखने की अपील की है।
मालवीय ने दिया जवाब
कांग्रेस पार्टी की तरफ से दर्ज कराए गए केस को लेकर अमित मालवीय ने भी अपना पक्ष रखा। मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक क्लिप साझा करते हुए लिखा, "देखिए! इस बात के लिए केस दर्ज किया गया है।
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किए और अजरबैजान खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में आ गए थे। इसके बाद भारतीय जनता के बीच में तुर्किए और अजरबैजान का बहिष्कार करने की मांग जोर पकड़ रही थी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस पार्टी के नेताओं से जब इस बहिष्कार के ऊपर राय पूछी गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। इसके बाद भाजपा हमलावर हो गई।