घूमने निकलीं 3 किशोरियों को ढूंढने लगी कई थानों की पुलिस, 10 घंटे बाद घरवालों की जान में आई जान
पूछताछ में पता चला कि वे नौकायन घूमने के लिए निकली थीं और शाम होने पर उनके पास किराया भी नहीं बचा था कि वापस जा सकें। पुलिस ने उन्हें खाना खिलाया और फिर परिजनों को सुपुर्द कर दिया। करीब दस घंटे बाद बेटियों के घर पहुंचने पर परिजनों ने राहत की सांस ली। उनकी जान में जान आई।

गोरखपुर के पीपीगंज इलाके की तीन किशोरियां सोमवार की सुबह 11.30 बजे घर से निकलीं और रात तक नहीं लौटी तो परिजन बेचैन हो गए। काफी तलाशने के बाद भी नहीं मिलने पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। कई थानों की पुलिस किशोरियों को ढूंढने ली। देर रात तीनों सहजनवा के पास मिल गईं। पूछताछ में पता चला कि वह नौकायन घूमने के लिए निकली थीं और शाम होने पर उनके पास किराया भी नहीं बचा था कि वापस जा सकें। पुलिस ने उन्हें खाना खिलाया और फिर पीपीगंज पुलिस ने परिजनों को सुपुर्द कर दिया। करीब दस घंटे बाद बेटियों के घर पहुंचने पर परिजनों ने राहत की सांस ली। उनकी जान में जान आई।
पुलिस के मुताबिक, तीन किशोरियों में दो सगी बहने हैं। तीनों किशोरियां एक ही गांव की रहने वाली हैं। इनमें एक नौंवी और दो 10 वीं कक्षा में पढ़ती हैं। एक साथ तीन किशोरियों के गायब होने की सूचना पर अगल-बगल के थानों पर भी सूचना दी गई। इसी बीच सहजनवा थाने से रात करीब नौ बजे कॉल आई कि तीन किशोरियां दिखी हैं, वे पैदल ही इधर-उधर ऑटो वालों से बात कर रही हैं। ऑटो चालक कह रहा है कि पैसा मिलेगा तभी लेकर जाउंगा। सहजनवा पुलिस से किशोरियों को रोकने के लिए कहा गया। तत्काल मौके पर पीपीगंज पुलिस भी निकल गई।
नौकायन पर खर्च हो गया सारा पैसा
किशोरियों के मिलने की सूचना पर एसपी उत्तरी जितेंद्र श्रीवास्तव और पीपीगंज थाने की पुलिस परिजनों के साथ पहुंची। वहां किशोरियों ने बताया कि उनके पास कुछ रुपये थे, इसलिए नौकायन जाने का प्लान बनाया। पीपीगंज से ऑटो से नौकायन पहुंचे। वहां पर सारा पैसा खर्च हो गया। एसपी नार्थ ने बताया कि तीनों किशोरियों को खोजकर पुलिस ने परिजनों को सुपुर्द कर दिया है।