तारिफ के बताने पर PAK ने दागी थी सिरसा पर मिसाइल,संपर्क में थी एक मिस्ट्री गर्ल
व्हाट्सऐप आदि पर भी भारतीय नंबर से ही उनका संदेश आदि आता था। पाकिस्तानी दोनों अधिकारी अक्सर व्हाट्ऐप कॉल कर बात करते थे,जिससे सुरक्षा जांच एजेंसी मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लेकर बातचीत का पता न लगा सके। पुलिस अब तारीफ के मोबाइल फोन से डिलीट डाटा को रि-स्टोर करने में जुटी है।

पाकिस्तान के लिए जासूसी मामले में जांच एजेंसी और पुलिस दायरा बढा रही है। आरोपी अरमान और तारिफ ने जिस दुकानदार से सिम कार्ड खरीदे थे, सुरक्षा जांच एजेंसी उनकी तलाश में जुट गई हैं। पहचान करके उनकी दुकान का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा। सूत्रों की मानें तो तारिफ ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी आसिफ बलौच और जाफर उससे भारतीय सिम कार्ड से ही बात करते थे, जिससे किसी को शक न हो। भारत की खुफिया एजेंसियों की रडार से बचा जा सके।
व्हाट्सऐप आदि पर भी भारतीय नंबर से ही उनका संदेश आदि आता था। पाकिस्तानी दोनों अधिकारी अक्सर व्हाट्ऐप कॉल कर बात करते थे,जिससे सुरक्षा जांच एजेंसी मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लेकर बातचीत का पता न लगा सके। पुलिस अब तारीफ के मोबाइल फोन से डिलीट डाटा को रि-स्टोर करने में जुटी है। वहीं अरमान से बरामद दो मोबाइल फोन की जांच भी की जा रही है। मोबाइल फोन का डाटा खंगाला जा रहा है।
मिलिट्री इंटेलिजेंस की जांच
सूत्रों की मानें तो वायरल वीडियो में तारिफ ने कबूला है कि आसिफ बलौच और जाफर के कहने पर उसे सिरसा एयरफोर्स स्टेशन की जानकारी पाकिस्तान से साझा की है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने दावा किया था कि सिरसा एयरफोर्स स्टेशन को निशाना बनाने के लिए मिसाइल दागा गया था। लेकिन भारतीय सेना की मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने मिसाइल हमले को विफल कर दिया था और मिसाइल को मार गिराया था। ऐसे में आशंका है कि पाकिस्तान की ओर से तारिफ द्वारा भेजे गए इनुपट के आधार पर मिसाइल से हमले का प्रयास किया गया होगा। लिहाजा सूत्र बताते हैं कि तारीफ से मिलिट्री इंटेलिजेंस और एनआइए की टीम भी पूछताछ कर सकती है। यह एजेंसी अरमान से भी पूछताछ करेगी। दोनों को हिरासत में भी लिया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर विशेष नजर
पाकिस्तान के लिए जासूसी कर आरोप में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों का सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाला जा रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपियों के संपर्क में रहने संदिग्धों से भी पूछताछ की जाएगी। इनमें एक महिला का नाम भी सामने आ रहा है,जो मोहम्मद तारिफ के संपर्क में बताई जा रही है। पुलिस की टीम अब उस महिला की तलाश में जुटी है।
पाकिस्तान के रिश्तेदारों से परहेज
पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के भारतीय सेना के चले ऑपरेशन सिंदूर के बाद से मेवात के लोगों ने पाकिस्तान के रिश्तेदारों के साथ रिश्तेदारी निभाने से परहेज करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि धर्म के नाम पर निर्दोषों की हत्या करने वाले आतंकवादियों का खात्मा नही करेगी तब तक मेवात के लोग पाकिस्तान के रिश्तेदारों से दूरी बनाकर रखेंगे। गौरतलब है कि देश बंटवारे के वक्त मेवात से काफी लोग पाकिस्तान चले गए थे,जबकि काफी लोग भारत में ही रह गए थे।
शनिवार और रविवार को हुई थी गिरफ्तारी
पुलिस सूत्रों की मानें तो तारिफ और अरमान दोनों जिले में स्लीपर सेल की तरह काम करते थे। वह आईएसआई का नेटवर्क बढ़ाने का काम करते थे। वायरल एक वीडियो में तारीफ ने बताया है कि पाक दूतावास के अधिकारी आसिफ बलौच और जाफर की ओर से उसे प्रलोभन दिया गया था। उसे पाकी वीजा के लिए लोगों को लाने को कहा गया था। ऐसे में तारीफ ने जिसे पाक वीजा के लिए भेजा,आशंका है कि वह भी देश की गुप्त सूचना दुश्मन देश को दे रहा होगा।
नूंह स्थित गांव राजाका से सुरक्षा जांच एजेंसी की टीम ने अरमान को गिरफ्तार किया था। उसके अगले दिन गांव बावला तारीफ को गिरफ्तार किया गया था। तारिफ नूंह के कांगरका का रहने वाला है। वह गांव में क्लीनिक चलाता था और उसे झोलाछाप डॉक्टर बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस उसकी डिग्री की जांच कर रही है। पुलिस की टीम अरमान को छह दिन और तारिफ को सात दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। साथ ही इनसे जानकारी जुटाई जा रही है।