घोटाले में गिरफ्तार हो चुके झारखंड के 6 IAS अधिकारी, 4 रांची के जिला कलेक्टर; क्या थे आरोप
झारखंड राज्य गठन के बाद भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार आईएएस अधिकारियों की सूची में विनय कुमार चौबे का नाम भी शामिल हो गया है। इनका रांची जिले से विशेष नाता रहा है। यह रांची जिला के उपायुक्त रह चुके हैं।

झारखंड राज्य गठन के बाद भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार आईएएस अधिकारियों की सूची में विनय कुमार चौबे का नाम भी शामिल हो गया है। इनका रांची जिला से विशेष नाता रहा है। यह रांची जिला के उपायुक्त रह चुके हैं। घोटाले को लेकर अब तक छह आईएएस अधिकारी की गिरफ्तारी हुई। सभी को जेल की हवा खानी पड़ी है। इन छह आईएएस अधिकारियों में चार रांची जिला के उपायुक्त रहे हैं।
इसमें पहला नाम सजल चक्रवर्ती का है। उनको चारा घोटाले के मामले में जेल भेज गया था। इसके बाद सीबीआई ने दवा घोटाले मामले में डॉ. प्रदीप कुमार को जेल भेजा। वहीं, ईडी ने जमीन फर्जीवाड़े के दो मामले में छवि रंजन को जेल भेजा। वर्तमान में वह जेल में ही हैं, जबकि रांची के डीसी रहे विनय कुमार चौबे को शराब घोटाले में 20 मई को जेल भेजा गया है। अब तक सीबीआई और ईडी ने आईएएस को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। यह पहला मौका है, जब स्टेट एजेंसी एसीबी ने एक वरीय आईएएस को गिरफ्तार किया है। भ्रष्टाचार के आरोप में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल एवं सियाराम प्रसाद सिन्हा जेल जाने के बाद वर्तमान में जमानत पर हैं। हालांकि रांची के डीसी रहते जमीन घोटाले में एसएन वर्मा एवं सुधीर प्रसाद के खिलाफ भी एसीबी ने नामजद प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में दोनों को झारखंड हाईकोर्ट से मामले में राहत मिली थी।
चारा घोटाले में भेजा गया था पांच आईएएस को जेल
बहुचर्चित चारा घोटाले के अलग-अलग मामलों में रांची स्थित सीबीआई कोर्ट ने पांच आईएएस अधिकारियों को दोषी पाकर जेल भेजा है। इनमें सजल चक्रवर्ती, महेश प्रसाद, के अरुणगम, फूल चंद्र सिंह और बेक जुलियस का नाम शामिल है।
घोटाले की सीबीआई जांच हो : मरांडी
झारखंड में कथित शराब घोटाले को लेकर एसीबी द्वारा की गई कार्रवाई पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए राज्य सरकार से मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
मरांडी ने कहा कि इस घोटाले की आशंका उन्होंने पहले ही जताई थी और 19 अप्रैल 2022 को राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस संबंध में आगाह किया था। उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले की तर्ज पर झारखंड में भी कुछ विशेष लोगों के माध्यम से योजनाबद्ध तरीके से यह घोटाला किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि झारखंड में सिर्फ एसीबी के स्तर पर जांच से घोटाले की पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी, इस पर संदेह है।
मरांडी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बड़ी मछलियों को बचाने के लिए कुछ लोगों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। यदि मुख्यमंत्री वाकई सच को सामने लाना चाहते हैं, तो उन्हें सीबीआई जांच की अनुशंसा करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की अब तक की चुप्पी और कार्यशैली से संदेह और गहराता जा रहा है।