औरंगाबाद जिले में आंधी-तूफान से किसानों को नुकसान लेकिन विभाग मौन
जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा जांच में क्षति की बात नहीं आई सामने त्र में की गई गेहूं की खेती औरंगाबाद, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि पिछले कुछ दिनों में लगातार आंधी और तूफान से क

पिछले कुछ दिनों में लगातार आंधी और तूफान से कई जगहों पर किसानों को नुकसान हुआ है। सोमवार को देव प्रखंड क्षेत्र में हुई बारिश से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। गेहूं और सरसों की खेती को काफी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर खलिहान में पानी भर गया और नतीजा फसल पूरी तरह भींग गई। किसानों ने कहा कि अब यह फसल खराब हो जाएगी। औरंगाबाद जिले के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में बारिश, तूफान, ओलावृष्टि आदि हुई है। किसानों का कहना है कि उन्हें मुआवजे की कोई जानकारी नहीं मिल रही है। तेज आंधी और तूफान की वजह से आम के पेड़ में लगे मंजर बर्बाद हो गए हैं। आधे से अधिक मंजर बर्बाद हो गए और भारी नुकसान हुआ है। हालांकि उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इस संबंध में कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार नुकसान की रिपोर्ट वरीय स्तर से मांगी गई थी जिसे शून्य भेज दिया गया है। जिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड कृषि पदाधिकारी से इसकी रिपोर्ट मांगी गई। उस रिपोर्ट के आधार पर कोई नुकसान नहीं होने की जानकारी भेज दी गई। किसानों ने बताया कि कृषि विभाग ने गलत रिपोर्ट भेजी है। कई जगहों पर भारी नुकसान हुआ है। गेहूं, सरसों और आम को नुकसान पहुंचा है लेकिन मुआवजे के नाम पर कोई चर्चा नहीं है। उद्यान विभाग के स्तर से भी किसी तरह का नुकसान नहीं होने की बात कही गई है। इस संबंध में औरंगाबाद के जिला कृषि पदाधिकारी रामईश्वर प्रसाद ने बताया कि 9 और 10 अप्रैल को नुकसान की रिपोर्ट शून्य थी। 14 अप्रैल को हुई बारिश और नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है। नुकसान के आकलन की प्रक्रिया निर्धारित है। ------------------------------------------------------------------------------------------- मौसम की मार से गेहूं व आम की फसल को भारी नुकसान आंधी-पानी की वजह से झड़ गए आम के 40 फीसदी टिकोले गेहूं की उपज में भी आई है 30 प्रतिशत तक की कमी, हुआ नुकसान अंबा, संवाद सूत्र। ------------------------------------------------------------------------------------------- गेहूं और आम की फसल पर मौसम की मार पड़ी है। पिछले दिनों से मौसम खराब है। कई बार आंधी-पानी आई, उससे पहले काफी गर्मी पड़ रही थी। वातावरण का तापमान बढ़कर 42 डिग्री सेल्सियस तक हो गया था। इस बदलते मौसम में गेहूं और आम की फसल मारी गई है और इसके उत्पादन में कमी आई है। कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप चौबे ने बताया कि गेहूं की फसल में जब फूल और दाने आ रहे थे तब वातावरण का तापमान काफी चढ़ा हुआ था। गेहूं की फसल के लिए औसत तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए था पर औसत तापमान बढ़कर 30 डिग्री सेल्सियस को पहुंच गया था। ऐसे में गेहूं की फसल पूरी तरह तैयार भी नहीं हुई और पक गई। उसके दाने से सिकुड़ गए और उत्पादन में भी कमी आई। जिन किसानों ने पीछे फसल लगाई थी, उसमें 30 से 40 प्रतिशत तक उत्पादन में कमी आई। इन दिनों गेहूं की हार्वेस्टिंग जारी है। हार्वेस्टिंग करने के बाद किसान जब उपज का आकलन कर रहे हैं तो वे मायूस हो जा रहे हैं। उत्पादन में काफी कमी आई है जिससे उन्हें नुकसान हुआ है। फसल जब पककर तैयार हुई तब आंधी पानी का दौर शुरू हुआ। इसका भी असर फसल पर पड़ा। इससे गेहूं की कटनी और दवनी बाधित हुई। इधर हाल के दिनों में जिस तरह मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है, इससे आम की फसल को काफी नुकसान हुआ है। आम के टिकोले छोटे-छोटे थे। उसके डंठल अभी मजबूत नहीं हुए थे। इस बीच कई बार आंधी-पानी आई और टिकोले झड़ गए। इससे आम उत्पादक किसान को काफी नुकसान हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक 40 प्रतिशत से अधिक टिकोले झड़ चुके हैं।
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