स्कूलों में धूल फांक रहे कंप्यूटर, नहीं सुनाई पड़ती ककहरे की गूंज
3. बोले खगड़िया:स्कूलों में धूल फांक रहे कंप्यूटर, नहीं सुनाई पड़ती ककहरे की गूंजस्कूलों में धूल फांक रहे कंप्यूटर, नहीं सुनाई पड़ती ककहरे की गूंजस्कूलों

परबत्ता । एक प्रतिनिधि स्कूलों में लाखों रुपए मूलय का कंप्यूटर धूल फांक रहा है। जिससे कंप्यूटर के ककहरे की गूंज गुम होत्ेजा रही है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 के जनवरी माह में प्रखंड के सभी स्कूलों में विभाग द्वारा 10-10 कंप्यूटर उपलब्ध कराया गया था। कंपनी इतना घटिया कंप्यूटर दिया कि दस में सात कंप्यूटर ख़राब पड़ा हुआ है,लेकिन विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। हालांकि नए कंप्यूटर की बड़ी संख्या में ख़राब होता देख स्थानीय जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों के बीच इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा की जा रही है। कोई कमीशनखोरी तो कोई कुछ कहकर अपनी दिल को तसल्ली देते नहीं थक रहे हैं। प्रखंड में कंप्यूटरीकृत शिक्षा व्यवस्था ढांक के तीन पात साबित हो रहे हैं। छात्रों की इन प्रमुख समस्या को दैनिक हिन्दुस्तान ने गत 7 फरवरी को प्रमुखता से प्रकाशित की थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा वर्ष 2024 के जनवरी माह में प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में लाखों की राशि खर्च कर कंप्यूटर उपलब्ध कराया गया। विभाग का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों के बीच कंप्यूटरीकृत शिक्षा प्रदान कराया जाना है, लेकिन कंपनी द्वारा घटिया कंप्यूटर उपलब्ध कराये जाने के कारण आज प्रखंड के कई स्कूलों में यह शिक्षा हवा हवाई बनकर रह गई है। वही विभाग के अधिकारी इसके प्रति उदासीन दिख रहे हैं। स्कूलों में विभाग द्वारा कंप्यूटर उपलब्ध कराते ही लोगों को लगा था कि अब गरीब के बच्चे भी कंप्यूटर शिक्षा का समुचित लाभ उठा पाएंगे। स्कूली बच्चों में काफी खुशी थी, लेकिन इस योजना पर गिद्ध दृष्टि डाले बिचौलियों की नजर लग गई और नये में ही सिस्टम खराब निकल गया। अधिकारी की उदासीनता के कारण स्कूलों में कंप्यूटर के ककहरे को गूंज बच्चों के बीच दिवास्वप्न बनकर रह गया। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 में विभाग द्वारा लाखों की राशि से प्रखंड के विभिन्न उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 10-10 कंप्यूटर दिया गया, लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण आज प्रखंड के के विभिन्न स्कूलों में दिए गए कंप्यूटर निम्न क्वालिटी का रहने के कारण अधिकांश खराब पड़ा हुआ है। आज स्थिति यह है कि स्कूली छात्रों को प्रशिक्षण शुरू होने के पूर्व ही कंप्यूटर खराब होकर पड़ा हुआ है। परिणाम यह हुआ कि कमरतोड़ महंगाई के कारण संपन्न परिवार के बच्चे तो किसी तरह प्राइवेट कंप्यूटर इंस्टीच्यूट में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन गरीब नि:सहाय परिवार के बच्चे आज प्रशिक्षण से वंचित हैं। कंप्यूटर शिक्षा से वंचित बच्चो की स्थिति यह है कि काफी पीछे चल रहे हैं। कंप्यूटर ज्ञान से वंचित बच्चे एक साधारण प्रतियोगिता परीक्षा में उसे मुंह की खानी पड़ती है। ऐसे छात्रों को पश्चाताप के सिवा कुछ हाथ नहीं लगता है।
क्या है समस्या :
सभी माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करने के लिए विभाग द्वारा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। विभाग के निर्देश के आलोक में वर्ष 2024 के जनवरी माह में बो कंपनी द्वारा प्रखंड के सभी स्कूलों में 10-10 कम्प्यूटर उपलब्ध कराया क ंम्प्यूटर उपलब्ध होते ही विभाग द्वारा सभी स्कूलों में टीचर को नियुक्ति कर दिया गया, लेकिन निम्न क्वालिटी का सामान रहने के कारण नए में ही 10 में सात कंप्यूटर ख़राब निकला। जिसका नजारा इंटर स्कूल कन्हैयाचक आदि में देखा जा सकता है।
बोले हेडमास्टर :
कंप्यूटर के ख़राब होने की सूचना उनके द्वारा विभाग के अधिकारी को दी गई है।
के मनोज कुमार, हेडमास्टर, इंटर स्कूल, कन्हैयाचक, परबत्ता।
बोले अधिकारी :
स्कूल में लगे कंप्यूटर के ख़राब होने की भौतिक सत्यापन बाद कुछ कहा जा सकता है।
अमरेंद्र कुमार गोंड
डीईओ, खगड़िया।
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