रफीगंज में खुले आसमान तले चल रहे दो विद्यालय, युवा
जर्जर भवन में बच्चों का भविष्य खतरे में, प्राथमिक विद्यालय में 94 और संस्कृत विद्यालय में 80 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं।

रफीगंज प्रखंड मुख्यालय के एक ही परिसर में प्राथमिक विद्यालय और संस्कृत विद्यालय का संचालन खुले आसमान के नीचे हो रहा है। भीषण गर्मी और लू के बीच बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं, जिससे उनकी सेहत को गंभीर खतरा है। पहले दोनों विद्यालय एक पुराने जर्जर भवन में चल रहे थे जहां छत की ढलाई और प्लास्टर के टुकड़े गिरने से बच्चे और शिक्षक कई बार बाल-बाल बचे। अब परिसर में बिना चहारदीवारी के दो छोटे-छोटे ढाबों में पढ़ाई हो रही है। इन ढाबों में न तो मौसम की मार से बचाव संभव है और न ही सामान सुरक्षित रहता है।
गर्मी, बारिश और ठंड में बच्चों को खुले में पढ़ना पड़ता है। प्राथमिक विद्यालय में 94 और संस्कृत विद्यालय में 80 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। दोनों विद्यालयों में तीन-तीन शिक्षक कार्यरत हैं। जगह की कमी के कारण प्राथमिक विद्यालय की पढ़ाई सुबह 6:30 से 11:30 तक और संस्कृत विद्यालय की पढ़ाई 11:30 से शाम 4 बजे तक होती है। सुबह के समय दोनों विद्यालय एक साथ चलते हैं, जिससे व्यवस्था और जटिल हो जाती है। बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हैं और छोटे व जर्जर ढाबों में सामान की सुरक्षा भी नहीं है। प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अनंता कुमारी ने बताया कि इस समस्या की जानकारी बार-बार विभागीय अधिकारियों को दी गई है लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ।
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