Scheduled Tribe Hostel Construction Delayed Due to Land Availability Issues in Betiah अनुसूचित जनजाति छात्रावास का निर्माण भूमि के अभाव में फंसा, Bagaha Hindi News - Hindustan
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अनुसूचित जनजाति छात्रावास का निर्माण भूमि के अभाव में फंसा

बेतिया के पश्चिम चंपारण जिले में अनुसूचित जनजाति छात्रावास के निर्माण के लिए एक साल पहले मिली प्रशासनिक स्वीकृति के बावजूद जमीन की कमी से निर्माण कार्य रुका हुआ है। लगभग 4.90 करोड़ रुपये की स्वीकृति...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाTue, 22 April 2025 11:28 PM
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अनुसूचित जनजाति छात्रावास का निर्माण भूमि के अभाव में फंसा

बेतिया। पश्चिम चंपारण जिले के बगहा-1 अंतर्गत प्रस्तावित अनुसूचित जनजाति छात्रावास निर्माण के लिए जमीन की उपलब्धता बाधक बन रही है। अनुसूचित जनजाति छात्रावास निर्माण के लिए एक साल पहले ही प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है, लेकिन जिला प्रशासन जमीन उपलब्ध नहीं करा रहा है। इसके कारण छात्रावास निर्माण अधर में लटका हुआ है। भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता कमलेश प्रसाद ने बताया कि अनुसूचित जनजाति छात्रावास निर्माण के लिए लगभग 4.90 करोड रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति एक वर्ष पहले मिली थी। बार-बार पत्राचार करने के बावजूद जमीन उपलब्ध नहीं हो रहा है जिसके कारण अनुसूचित जनजाति छात्रावास निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है। सौ बेड का अनुसूचित जनजाति छात्रावास का निर्माण होना है। छात्रावास निर्माण होने से अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को फायदा होगा। उन्हें पढ़ाई के लिए पलायन करने की जरूरत नहीं होगी। जमीन उपलब्ध होते ही टेंडर की प्रक्रिया जारी होगी। टेंडर की प्रक्रिया फाइनल होते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। 5 लाख की आबादी है दोन क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति का : पश्चिम चंपारण जिले में लगभग पांच लाख अनुसूचित जनजाति की आबादी है। यह वाल्मीकि नगर, रामनगर, गौनाहा, बगहा 2 और मैनाटांड प्रखंड के लगभग 75 पंचायतों में निवास करती है। जिला परिषद के अध्यक्ष निर्भय कुमार महतो ने बताया कि अनुसूचित जनजाति छात्रावास की निर्माण होने से कमजोर वर्गों को लाभ होगा। जमीन उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन से पहल किया जाएगा। क्योंकि सुबे के जमुई के बाद पश्चिम चंपारण जिले के दोन क्षेत्र में ही अनुसूचित जनजाति की बहुलता है। ऐसे में अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए छात्रावास मिल का पत्थर साबित होगी।

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