27 वर्ष पुराने मुंशी टीपू पांडेय हत्याकांड में कोर्ट में ट्रायल शुरू
बगहा में 27 वर्ष पहले हुई मुंशी टीपू पांडेय की हत्या के मामले में एडीजे चतुर्थ मानवेंद्र मिश्रा की कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है। गवाहों को साक्ष्य के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। पुलिस जांच में...

बगहा, हमारे संवाददाता। बगहा -छितौनी रोड निर्माण के दौरान 27 वर्ष पहले हुए मुंशी की हत्याकांड में एडीजे चतुर्थ मानवेंद्र मिश्रा की कोर्ट में ट्रायल शुरू हो गया है। गवाहों को साक्ष्य के लिए कोर्ट से नोटिस जारी हो चुका है। सब कुछ ठीक रहा तो जून तक कांड में फैसला भी आ सकता है। कोर्ट ने इस पुराने कांड को गंभीरता से लेते हुए प्रतिदिन ट्रायल शुरू किया है। 1998 में हुई मुंशी टीपू पांडेय की हत्या कांड की तीन वर्षों तक गहन जांच के बाद कांड के आईओ राजीव रंजन ने कांड के सूचक विपिन कुमार सिंह, कांट्रेक्टर गुड्डू गुप्ता, भरत कुमार प्रत्यक्षदर्शी को ही हत्या के लिए दोषी माना।
कांड के सूचक विपिन कुमार सिंह पर सात सितंबर 2001 को कोर्ट में चार्जशीट सं-17/2001 दाखिल कर दी गई। उसके बाद से केस ट्रायल में चल रहा था। अब कोर्ट की ओर से शुरू हुई सुनवाई से पीड़ित परिजनों को इंसाफ की उम्मीदें जगी हैं। इधर पुलिस जांच में कांट्रेक्टर गुड्डू गुप्ता निर्दोष पाया गया था। न्यायालय ने पुलिस अनुसंधान को अस्वीकृत करते हुए गुड्डू गुप्ता पर भी संज्ञान लिया। आरोपित गुड्डू गुप्ता संज्ञान आदेश के विरुद्ध हाईकोर्ट गया, जहां उसे राहत नहीं मिली है। अब कांड की ट्रायल से उनकी मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। पुलिस की जांच में पलट गया सूचक का गढ़ा गया स्क्रीप्ट: नौरगिया थाना में सूचक विपिन कुमार सिंह की तहरीर पर कांड दर्ज किया गया था। विपिन कुमार सिंह के द्वारा गढ़े गए स्क्रीप्ट ही पलट गया। कांड के आईओ राजीव रंजन ने तीन वर्षों तक जांच के बाद पाया कि घटनास्थल पर दूसरे अपराधियों के आने का कोई साक्ष्य नहीं मिला। विपिन कुमार सिंह के गन से निकली गोली से ही टीपू की हत्या हो गई। पुलिस ने विपिन कुमार सिंह पर चार्जशीट सौंप दी। जबकि कांट्रेक्टर गुड्डू गुप्ता व प्रत्यक्षदर्शी भरत कुमार को भी पुलिस ने जांच में दोषी नहीं माना था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।