चैत्री नवरात्रा: छह दशक से अधिक समय से हो रही चैती दुर्गा पूजा
अमरपुर (बांका), निज संवाददाता|अमरपुर (बांका), निज संवाददाता| अमरपुर नगर पंचायत के चंदसार पोखर पर छह दशक से ज्यादा समय से चैती दुर्गा पूजा मनाई

अमरपुर (बांका), निज संवाददाता| अमरपुर नगर पंचायत के चंदसार पोखर पर छह दशक से ज्यादा समय से चैती दुर्गा पूजा मनाई जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि नवगछिया के समीप खगड़ा गांव के बाबा नारायण दास इस जगह पर आए तथा यहां धूनी रमा दी। उस समय शहर इतना विकसित नहीं था, लोग चंदसार पोखर की ओर जाने से भी हिचकते थे। लेकिन बाबा नारायण दास के आने के बाद धीरे-धीरे लोग वहां जाने लगे तथा उस जगह पर चहल-पहल बढ़ गई। बाबा के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ता गया। शहर के शीतल मंडल ने बताया कि बाबा के प्रति लोगों में इतना विश्वास जम गया था कि किसी भी प्रकार का कष्ट होने पर लोग उनके पास पहुंच जाते तथा वह लोगों को भस्म दे दिया करते थे। लोगों की मान्यता है कि भस्म मिलते ही उनके सारे कष्ट दूर हो जाते थे। उनकी याद में मंदिर परिसर में एक ठाकुरबाड़ी का निर्माण कराया गया है जो बाबा नारायण दास को समर्पित है। मंदिर के सेवायत एवं कोषाध्यक्ष जयप्रकाश पोद्दार बताते हैं कि वर्ष 1960 में बाबा ने इस जगह चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा के लिए कलश स्थापना की। इसके बाद यहां हर वर्ष मां दुर्गा की पूजा होने लगी। लंबे अरसे बाद वर्ष 1984 में इस मंदिर में पहली बार मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई। पहले स्थानीय कलाकार ही प्रतिमा बनाते थे लेकिन इस बार दूसरी जगह से कलाकार बुला कर प्रतिमा निर्माण कराया जा रहा है। पूजा समिति के अध्यक्ष विभाकर साह ने बताया कि पूर्व में स्थानीय कलाकारों द्वारा सरस्वती नाट्य कला परिषद बना कर नाटक का मंचन किया जाता था। कलाकारों ने भी प्रतिमा स्थापना में काफी सहयोग किया। नाटक मंचन के दौरान यहां भव्य मेला लगता था। मंदिर में प्रतिमा स्थापित होने के बाद मेला दिनों-दिन बढ़ता चला गया। आज अमरपुर बाजार एवं इसके आसपास कहीं भी इतना भव्य मेला नहीं लगता है। उन्होंने बताया कि पूजा समिति के उपाध्यक्ष विजय कुमार मंडल, सदस्य पूनम मोदी, महेश मोदी, शिव यादव आदि के सहयोग से ना सिर्फ दुर्गा पूजा बल्कि मेला में भक्ति एवं शांति के माहौल में संपन्न कराया जाता है। उन्होंने कहा कि पूजा के दौरान स्थानीय बच्चों की प्रतिभा निखारने के लिए नवमी तिथि को बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है जबकि दशमी तिथि को भक्ति संगीत का आयोजन होता है। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं तथा यह वृहद मेला का रूप ले लेता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अमरपुर की मां दुर्गा काफी शक्तिशाली हैं तथा यहां भक्तिभाव से मांगी गई इच्छा मां अवश्य पूरी करतीं हैं।
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