स्थलीय जांच पूरी, अब कार्रवाई का है इंतजार
लखीसराय में शिक्षा विभाग की 321 योजनाओं की स्थलीय जांच के दौरान कई अनियमितताएं उजागर हुई हैं। डीएम मिथिलेश मश्रि ने जांच टीम गठित की थी, जिसने योजनाओं का निरीक्षण किया। जांच रिपोर्ट में कार्य की...

लखीसराय। शिक्षा विभाग में वत्तिीय वर्ष 2024-25 के दौरान वद्यिालय सुदृढ़ीकरण योजना के क्रियान्वयन में व्यापक अनियमितता की शिकायत की जांच पूरी हो चुकी है। अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जांच के लिए डीएम मिथिलेश मश्रि ने जांच टीम गठित की, जिसने वद्यिालय पहुंचकर योजनाओं का भौतिक व स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अनियमितता उजागर हुई है। योजनाओं के जांच से शक्षिा विभाग के कर्मी को अलग रखा गया है ताकि जांच की वश्विसनियता बनी रहे। जांच टीम ने योजनाओं की जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। अब सबकी निगाहें डीएम की ओर से जांच रिपोर्ट की समीक्षा और इस प्रकरण में होने वाली कार्रवाई पर है।
321 योजनाओं की स्थलीय जांच में कई खुलासे: डीएम की ओर से गठित टीम ने शक्षिा विभाग की 321 क्रियान्वित योजनाओं की स्थलीय जांच की। डीएम के नर्दिेश पर पहले चरण में जिन योजनाओं के पूरा होने की बात कह भुगतान के लिए कोषागार में बिल भेजे गए, उनकी जांच कराई गई।
शक्षिा विभाग की स्थापना शाखा द्वारा 147 तथा योजना एवं लेखा शाखा द्वारा 174 योजनाओं की राशि भुगतान के लिए कोषागार में बिल दिया गया था। दोनों ही शाखा के डीपीओ एक ही पदाधिकारी हैं। जांच के क्रम में कई अनियमितताएं मिलने की पुष्टि हुई है। कहीं प्राक्कलन से ज्यादा राशि का भुगतान होना, कहीं कार्य की पूर्णता के प्रमाण पत्र पर प्रधानाध्यापक का फर्जी हस्ताक्षर होना, योजना पूर्ण होने की मापी पुस्तिका एवं भुगतान की स्थिति रहने के बावजूद स्थल पर कार्य नहीं होना सहित कई अन्य अनियमितताएं पायी गईं।
कार्रवाई की सुगबुगाहट से पदाधिकारियों में बेचैनी: डीएम के नर्दिेश पर सख्ती बरते जाने के बाद कार्रवाई की आशंका से कई पदाधिकारियों में बेचैनी है। कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र एवं मापी पुस्तिका संलग्न करने वाले अभियंता 31 मार्च को अनुबंध समाप्त होने के बाद कार्यमुक्त हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में डीपीओ सहित अन्य वरीय पदाधिकारी अभियंताओं की टीम पर भ्रमित करने सहित अन्य आरोप लगा रहे हैं। गनीमत रही कि डीएम की सख्ती के कारण मार्च क्लोजिंग के समय कोषागार भेजे गए बिल का भुगतान संवेदक को नहीं हो सका।
कोट: संचिका में अभियंता द्वारा कार्य पूर्णता की मापी पुस्तिका एवं प्रमाण पत्र देने के बावजूद गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने का प्रमाण मिलने की प्रक्रिया को पूरा कर भुगतान किया जाना था। गड़बड़ी की जानकारी मिल रही है। अभियंताओं की ओर से फर्जी प्रमाण पत्र दिया गया। डीएम के नर्दिेश पर जांच हुई है। विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।-संजय कुमार, डीपीओ, शक्षिा विभाग।
कोट: शक्षिा विभाग के कोषागार में भुगतान के लिए भेजे गए बिल वाली योजनाओं की जांच रिपोर्ट मिली है। उसके आलोक में शक्षिा पदाधिकारी को कार्रवाई के लिए लिखा जा रहा है। हरहाल में विभागीय नियमों के अनुसार कार्रवाई होगी। साथ ही विगत दो वर्ष में संचालित योजनाओं की संचिका मंगायी जा रही है। सभी की स्थलीय जांच होगी। कोई भी दोषी नहीं बचेगा।-मिथिलेश मश्रि, डीएम, लखीसराय।
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