आजादी के 77 साल बीत जाने के बाद भी नहीं बना लंबा मैदान-वनवर्षा ग्रामीण पथ
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- मुकेश कुमार सिंह फुल्लीडुमर (बांका), निज प्रतिनिधि। आजादी के 77 साल बीत जाने के बाद भी फुल्लीडुमर

फुल्लीडुमर (बांका), निज प्रतिनिधि। आजादी के 77 साल बीत जाने के बाद भी फुल्लीडुमर प्रखंड के राता पंचायत अंतर्गत खेसर- रामपुर मार्ग के पुरानी राता पुल से लंबा मैदान-वनवर्षा जाने वाली ग्रामीण पथ का निर्माण नहीं हो सका है। जिससे पंचायत के वार्ड संख्या 01 लंबा मैदान, वार्ड संख्या 02 चंद्रवंशी टोला एवं वार्ड संख्या 03 वन गांव के करीब 8 हजार की आबादी को मुख्य सड़क से घर जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सहरोई नदी किनारे बसे इन गांवों में पानी के कटाव से पथ का शीर्ष भाग करीब 500 फीट ध्वस्त हो गया है। जिसपर ग्रामीणों को वाहन तो दूर लोगों को पैदल चलना मुश्किल हो गया है।
नदी किनारे बसे घनी आबादी वाले इस गांव के लोगों के घर तक वाहन नहीं पहुंचने से भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। मरीजों को खाट पर लेकर मुख्य सड़क पर लाना पड़ता है। जहां वाहन से लोग इलाज कराने ले जाते हैं। गांव तक सामान ले जाने, घर बनाने आदि की सामग्री काफी दूर मुख्य सड़क से ढुलाई कर मजदूर द्वारा ले जाना आना पड़ता है। जिससे अतिरिक्त खर्च वहन करना होता है। शादी, ब्याह बारात, यज्ञ प्रयोजन आदि में ग्रामीण पथ के अभाव में ग्रामीण परेशान रहते हैं। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है। आजादी के साढ़े सात दशक से ज्यादा वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां का ग्रामीण पथ नहीं बनने से क्षेत्रीय सांसद, विधायक के टाल-मटोल रवैया से लोग परेशान हैं। ग्रामीण सहदेव यादव, बालेश्वर यादव, तोहफा लाल यादव, प्रकाश यादव, रोहित कुमार, पिंटू सिंह, राजू सिंह, अभिषेक राज, मानू राज, विजय यादव, चंदन कुमार, रुपेश कुमार आदि बताते हैं कि ऐसी स्थिति है फुल्लीडुमर प्रखंड तो क्या पूरे बांका जिले में कहीं भी ग्रामीण पथ की ऐसी बदतर स्थिति नहीं होगी। जिसे देखने वाला कोई नहीं। करीब आठ महा पूर्व सिंचाई विभाग द्वारा पुरानी राता से उत्तर कानीमोह सिंचाई बियर के जीर्णोद्धार्य कार्य के साथ यहां सहरोई नदी के कटाव से ध्वस्त हुए लंबा मैदान-वनवर्ष गांव के बीच पतली सी सड़क की हिफाजत के लिए यहां सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य शुरू किया गया। परंतु इस जगह ध्वस्त ग्रामीण पथ के नदी किनारे 550 फीट लंबे दीवार की जगह संवेदक ने सिर्फ 260 फीट लंबे तथा कम ऊंचाई वाला सुरक्षात्मक दीवार बनाकर बिना मिट्टी भराई का इसे अधूरा छोड़ दिया। जिससे संकरी ग्रामीण पथ एवं प्रोटेक्शन वॉल के बीच गहरी खाई जानलेवा बन गई है। जिसमें इस पथ से आने-जाने वाले छात्रों, साइकिल सवारों, बाइक, रिक्शा जुगाड़ ठेला आदि के दुर्घटनाग्रस्त होने का भय बना रहता है। जहां इस क्षतिग्रस्त पथ में कई बार दुर्घटना भी हो चुकी है। ग्रामीणों ने कहा कि ठेकेदार द्वारा नदी किनारे सुरक्षात्मक दीवार बनाकर अधूरा छोड़ देने से यह रास्ता और भी खतरनाक हो गया है। जिससे क्षेत्रीय लोग चिंतिंत हैं। विधायक मनोज यादव ने कहा कि ग्रामीणों से मिली जानकारी के बाद सहरोई नदी में बने गार्ड में मिट्टी फीलिंग के लिये सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता को कहा गया है। अधीक्षण अभियंता ने एक सप्ताह के भीतर मिट्टी भरवाने का आश्वासन दिया है। बरसात के बाद सड़क निर्माण का भी कार्य कराया जाएगा।
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