आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल से स्वास्थ्य कार्यक्रम बाधित
बिहार में आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तैनात आशा कार्यकर्ता अपनी सात सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल पर हैं। यह हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही, जिससे स्वास्थ्य कार्यक्रम और टीकाकरण सेवाएं बाधित हो गई हैं।...

नावकोठी, निज संवाददाता। प्रखंड के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तैनात आशा कार्यकर्ता सात सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी रही। बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ एक्टू के निर्णयानुसार यह हड़ताल आहूत की गई है। आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल से संपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम बाधित हो रहा है। टीकाकरण कार्यक्रम भी बंद रहा। ओपीडी सेवा भी ठप रही। आशा कार्यकर्ता पीएचसी के मुख्य द्वार पर जमा होकर सरकार विरोधी नारेबाजी की। आशा फैसिलिटेटर संगीता कुमारी ने कहा कि वर्ष 2023 में 32 दिवसीय हड़ताल के क्रम में आशा कार्यकर्ता, फेसिलेटेटर के मासिक मानदेय राशि 1000 रुपये को बढाकर 2500 रुपये करने का निर्णय लिया गया था।
दो वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार इसे लागू करने में आनाकानी कर रही है। विभिन्न कार्यों के लिए वर्षों पूर्व तय राशि में केन्द्र सरकार के द्वारा 10 वर्षों से कोई पुनरीक्षण नहीं किया गया। पिछला सारा बकाया का भुगतान करने हेतु पोर्टल व्यवस्था में सुधार करने , रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष तथा 10 लाख रुपये, अनिवार्य मासिक पेंशन की सुविधा, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर से जुड़ी आशाओं को देय राशि का भुगतान पोर्टल के माध्यम से करने आदि शामिल हैं। इसमें कविता देवी, सुमित्रा देवी, रौशन कुमारी, रूक्मिणी देवी, अंजु कुमारी, मुनचुन कुमारी, रंजू कुमारी, वंदना कुमारी, वसंती कुमारी, पूनम कुमारी, रीता कुमारी, राधा कुमारी, आशा मिश्रा, मुन्नी कुमारी, शबनम, प्रतिमा आदि शामिल थीं।
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