पुरस्कृत किए गए भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के सफल प्रतिभागी
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा बच्चों के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए आयोजित की जाती है। गायत्री मंत्र का जाप व्यक्ति के विचार और व्यवहार को बदलता है। कार्यक्रम में सफल प्रतिभागियों को पुरस्कार दिए...

नावकोठी, निज संवाददाता। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा बच्चों के समग्र व्यक्तित्व विकास हेतु आयोजित की जाती है। इसका आधार गायत्री मंत्र है। गायत्री मंत्र के जाप से सूक्ष्म जगत में एक तरंग उत्पन्न होती है जो व्यक्ति के विचार और व्यवहार को बदलते हुए उसे उन्नत व्यक्तित्व के स्तर पर पहुंचा देती है। आत्मज्ञान के आधार पर बाह्य ज्ञान को अर्जित करना ही विद्या है। ये बातें क्षेत्रीय समन्वयक हर्षवर्धन कुमार ने उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय डंडारी में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा 2024 के सफल प्रतिभागियों के प्रखंड स्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह में शनिवार को कही। उन्होंने कहा कि महात्मा बुद्ध जब तक बाह्य ज्ञान प्राप्त करते रहे तब तक वह संतुष्ट नहीं हुए थे।
जब उन्हें आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई तो वह दुनिया को ज्ञान देते रहे और सभी लोग उनकी बातों को सुनते थे। बच्चों को भी सुबह-सुबह ध्यान अवश्य करना चाहिए ताकि स्मरण शक्ति बढ़ सके। ज्ञानचंद राय ने कहा कि आप अच्छे विचार से जब जुड़ेंगे तब आप अच्छा कार्य करने लगेंगे। इसके पहले कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के क्षेत्रीय समन्वयक हर्षवर्धन कुमार, जिला सह संयोजक ज्ञानचंद राय तथा आलोक कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। प्रखंड समन्वयक अशोक कुमार ने अतिथियों को सम्मानित किया। प्रखंड संयोजक अशोक कुमार ने बताया कि सफल प्रतिभागी बच्चों में जिला स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त प्रतीक कुमार को मोमेंटो एवं राशि देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद अन्य बच्चों को भी सम्मानित किया गया । विद्यालय के प्रधानाध्यापक कुंदन कुमार, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय बांक के प्रधानाध्यापक पंकज कुमार एवं अन्य प्रधानाध्यापकों को प्रशस्ति पत्र एवं साहित्य देकर सम्मानित किया गया।
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