आदेश के बाद भी नहीं खाली किया सीडीपीओ कार्यालय
खोदावंदपुर में बाल विकास परियोजना कार्यालय के लिए एक मकान मालिक ने 2500 रुपए मासिक किराए पर अपना मकान दिया। कई वर्षों से बकाया किराया नहीं मिला है। मकान मालिक चन्द्रशेखर महतो ने बीडीओ से गुहार लगाई,...

खोदावंदपुर, निज संवाददाता। खोदावंदपुर में बाल विकास परियोजना कार्यालय संचालित करने के लिए स्थानीय एक मकान मालिक को अपना मकान किराए पर देना काफी महंगा पड़ रहा है। कई वर्षों का बकाया किराया का भुगतान विभाग द्वारा मकान मालिक को नहीं किया गया है। बाल विकास परियोजना विभाग इस मकान पर अब भी कब्जा जमाए हुए है, जबकि फिलहाल सीडीपीओ कार्यालय खोदावंदपुर प्रखण्ड मुख्यालय में दूसरे सरकारी भवन में चलाया जा रहा है। मकान मालिक व खोदावंदपुर पंचायत के वार्ड नं एक बजही गांव निवासी चन्द्रशेखर महतो ने विगत 16 वर्षों के बकाये मकान किराया के भुगतान करवाने की गुहार बीडीओ से लगाई है।
प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को दिए आवेदन में मकान मालिक श्री महतो ने बताया है कि खोदावंदपुर में सीडीपीओ कार्यालय संचालित करने के लिए उसने अपना मकान 2500 रुपए मासिक किराए पर विभाग को दिया था। शुरू में तो सबकुछ ठीकठाक रहा, परन्तु बाद में किराया का भुगतान बंद कर दिया गया। जब उसने बकाया किराया का भुगतान करने की मांग की तो किराया की राशि देने के बदले सीडीपीओ कार्यालय को यहां से चुपके से हटा लिया गया। विभाग आज भी उसके मकान के कमरे पर अपना कब्जा जमाए हुए है। मकान मालिक ने बताया कि बकाया किराया भुगतान को लेकर उसके द्वारा माननीय न्यायालय में वाद संख्या 01/10 तथा वाद संख्या 01/21 दायर किया गया। इसमें सुनवाई करते हुए अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने मकान का किराया 2500 मासिक निर्धारित करते हुए वर्ष 2009 से बकाया किराया का भुगतान मकान मालिक को करने का आदेश वर्ष 2022 में ही सीडीपीओ को दिया। आज तक इस आदेश का पालन नहीं किया गया है।
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