रेलवे की जमीन में समुचित विकास नहीं होने से मायूसी
गढ़हरा (बरौनी) में 22 सौ एकड़ रेलवे की जमीन पर विकास का अभाव स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। बुधवार को रेल प्रशासन से विकास की मांग की गई। समाजसेवियों ने कहा कि गढ़हरा में कल कारखाना खोला...

गढ़हरा(बरौनी),एक संवाददाता। गढ़हरा में 22 सौ एकड़ रेलवे की विस्तृत जमीन में समुचित विकास नहीं होने पर स्थानीय लोगों में मायूसी है। बुधवार को इंडियन रेलवे का 172वां स्थापना दिवस मनाते हुए रेल प्रशासन से स्थानीय विकास की मांग की। समाज सेवा संघर्ष समिति गढ़हरा के अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद वर्मा ने कहा कि गढ़हरा में प्रस्तावित कल कारखाना खुलना चाहिए। शिलान्यास होने के बाद निर्माण कार्य बंद है। समाजसेवी गोपीनाथ साह, राम अनुग्रह शर्मा, शैलेश शर्मा, धर्मेन्द्र आर्य आदि ने कहा कि स्थानीय लोगों ने रेलवे को विकास के लिए जमीन दी। लेकिन धीरे धीरे एशिया प्रसिद्ध रेलवे यार्ड करीब दो दशक पूर्व बंद होने के बाद गढ़हरा इलाका पिछड़ा प्रतीत होता है। वहीं रेलवे पुनरुद्धार समिति के संयोजक अशोक कुमार मुन्ना व युवा विकास मोर्चा गढ़हरा के संयोजक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि गढ़हरा बरौनी के साथ रेल प्रशासन सौतेलापन का व्यवहार करती है। गढ़हरा में रेलवे की जमीन होते हुए अन्य जगहों पर जमीन खरीद कर कारखाना बनवाती है।
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