बरौनी जंक्शन पर यात्रियों की अफरातफरी के बीच मिलिट्री जवान व एनसीसी कैडेटों ने किया मॉकड्रिल
फोटो नंबर:03, घायल यात्री को स्ट्रेचर से ले जाते कैडेट। .... बीच बरौनी जंक्शन पर युद्ध से बचाव के लिए लगभग एक घंटे की मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान हवाई हमले होने की

बरौनी,निज संवाददाता। सुबह 11 बजकर 30 मिनट में बुधवार को सेना के जवानों व एनसीसी कैडेटों के द्वारा भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच बरौनी जंक्शन पर युद्ध से बचाव के लिए लगभग एक घंटे की मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान हवाई हमले होने की सूरत में प्लेटफार्म पर मौजूद रेलयात्रियों की टोली अपने आप को कैसे बचाएंगे। मुख्य रूप से इसको लेकर फोकस किया गया। इस दौरान घटना होने की सूरत को समझ प्लेटफार्म पर मौजूद यात्री अपनी जान बचाने के लिए प्लेटफार्म पर बने सीट के नीचे व सीढ़ियों के नीचे लेट गए। हाथों से अपने दोनों कान बंद कर लिए।
गोली लगने या हमलों के दौरान क्या किया जाए, इसकी ट्रेनिंग भी यात्रियों को दी गई। यात्रियों को घायल होने पर अस्पताल ले जाने की भी ट्रेनिंग दी गई। हमले के दौरान आग लग जाए तो उसे कैसे बुझाया जाए, गोली लगने और विस्फोटों से घायलों को कैसे बचाया जाए। इसकी भी यात्रियों से जानकारी साझा की गई। 35 बिहार एनसीसी बटालियन पूर्णिया के कर्नल अमित अहलावत ने बताया कि एनसीसी कैडेटों को कैंप के दौरान सभी तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही स्टेचर, सीपीआर, अग्निशमन व घायलों की मदद करने में भी पारगंत किया जाता है। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाना व बेहोश लोगों को सीपीआर देने की भी गुर इंस्ट्रक्टर द्वारा सिखाए गए हैं। इस मॉकड्रिल में आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त के के तिवारी,आरपीएफ इंस्पेक्टर लोकेश प्रसाद,सीआइबी इंस्पेक्टर नागेंद्र कुमार, हवलदार मुकेश कुमार, एनसीसी ऑफिसर एमडी शमीम, राजकुमार गांधी, शिवशंकर झा, दीक्षा सहित सीनियर विंग के 35 महिला व 25 पुरुष कैडेटों ने हिस्सा लिया। एनसीसी कैंप निपनियां में 3 मई से 12 मई तक चलने वाली ट्रेनिंग कैंप में बेगूसराय, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, फारविसगंज, नवगछिया, अररिया, ठाकुरगंज के कुल 530 सीनियर विंग के महिला व पुरुष को सेना की तरह ट्रेनिंग चल रही है।
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