मंझौल: उद्धारक की बाट जोह रहा सिया सारंग गया देवी महिला कॉलेज
मंझौल में लगभग दो दशक से बंद सियासरण गया देवी महिला महाविद्यालय को पुनर्जीवित करने की मांग की जा रही है। स्थानीय विधायक से अपील की गई है कि इसे डिग्री कॉलेज में बदला जाए। वर्तमान में इस कैंपस में...

मंझौल, एक संवाददाता। लगभग दो दशक से अनुमंडल मुख्यालय में बंद पड़ा सियासरण गया देवी महिला महाविद्यालय, मंझौल उद्धारक की बाट जोह रहा है। लगभग तीन दशक चलने के बाद सरकार की अपेक्षापूर्ण नीतियों के कारण यह महिला कॉलेज बंद हो गया। भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। फर्नीचर, चहारदीवारी आदि सभी सब संसाधन बर्बाद हो गए हैं। शिक्षाप्रेमियों ने स्थानीय विधायक राजबंशी महतो से मांग की थी कि बंद पड़े महिला कॉलेज को डिग्री महिला कॉलेज में परिणत कर चलाया जाए। मंझौल के पूर्व मुखिया शिक्षाप्रेमी देवनंदन प्रसाद सिंह का सपना था कि इस कैंपस में जब छात्राएं प्रवेश करें तो ग्रेजुएट बनकर ही निकलें। फिलहाल प्राथमिक विद्यालय से इंटर तक की पढ़ाई इस कैंपस में जारी है। चेरियाबरियारपुर प्रखंड में एकमात्र आरडीपी प्लस टू गर्ल्स हाई स्कूल मंझौल को पीएम श्री विद्यालय के रूप में मान्यता मिली है। इस कैंपस में अगर डिग्री कॉलेज चालू हो जाए तो यह छात्राओं के व्यापक हित में होगा। सरकार द्वारा पूर्व में प्रत्येक अनुमंडल में एक डिग्री कॉलेज की स्थापना का लक्ष्य रखा गया था। अब प्रत्येक प्रखंड में एक डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई है। डिग्री कॉलेज खोलने के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाना एक चुनौती बना हुआ है। शिक्षाविदों के अनुसार अनुदानित इंटर कॉलेजों को अगर डिग्री कॉलेज में परिणत कर दिया जाए तो छात्र-छात्राओं के व्यापक हित में होता तथा संसाधन जुटाने की चुनौती नहीं होती। एक तरफ संपूर्ण राज्य में संसाधनयुक्त अनुदानप्राप्त इंटर कॉलेज की उपेक्षा दूसरी तरफ नए शिक्षण संस्थान खोलने के लिए संसाधन जुटाने का प्रयास हास्यास्पद है।
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