अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना से 38 लोगों को लाभ
आवेदन के आधार पर दस्तावेज व स्थल की गहन जांच-पड़ताल के बाद सामाजिक सुरक्षा कोषांग से दी गई राशि अंतरजातीय विवाह करनेवालों में एक पक्ष अजा या अजजा होना जरूरी है

आवेदन के आधार पर दस्तावेज व स्थल की गहन जांच-पड़ताल के बाद सामाजिक सुरक्षा कोषांग से दी गई राशि इस योजना के शेष आवेदन किए जा रहे निष्पादित, विभाग कर रहा है प्रेरित अंतरजातीय विवाह करनेवालों में एक पक्ष अजा या अजजा होना जरूरी है (पेज चार की बॉटम खबर) भभुआ, हिन्दुस्तान संवाददाता। सरकार अंतरजातीय विवाह योजना के तहत लाभुकों को एक लाख रुपए प्रोत्साहन राशि दे रही है। अफसरों की माने तो सामाजिक समानता और सौहार्द को बढ़ावा देने में सरकार की यह योजना मदद करती है। कैमूर जिले में अंतरजातीय विवाह योजना के तहत 38 लाभुकों को लाभान्वित किया गया।
इस बात की जानकारी सामाजिक सुरक्षा कोषांग कीसहायक निदेशक अतुल कुमारी ने दी। उन्होंने बताया कि 16 आवेदन और पड़े हैं, जिसकी जांच कराई जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि अंतरजातीय विवाह करने के बाद योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया जाता है। आवेदनों को विभागीय अफसरों द्वारा गहन जांच-पड़ताल की जाती है। इस योजना का लाभ उसी को दिया जाता है जो लड़का व लड़की कोई एक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का हो। अगर लड़का-लड़की में कोई एक दूसरे राज्य का है, तो उस राज्य के जिले में पत्र लिखकर मामले की जांच कराई जाती है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद योजना की राशि भुगतान की दिशा में जिला स्तर पर कार्रवाई की जाती है। इधर, बिहार सरकार मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत भी प्रत्येक लाभुकों को 5000 रुपए दे रही हैं। सामाजिक सुरक्षा कोषांग की सहायक निदेशक ने बताया कि सरकार बाल विवाह जैसी कुरीतियों को दूर करने एवं बेटा-बेटी की 18 वर्ष उम्र में शादी करने पर कन्याओं को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना शुरू की है। योजना के लाभ के लिए यह है पात्रता भभुआ। बिहार सरकार ने अंतरजातीय विवाह योजना के लिए गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार वर-वधु बिहार के स्थायी निवासी हों। लड़की की न्यूनतम उम्र 18 और लड़का की न्यूनतम उम्र 21 साल होनी चाहिए। दोनों में से कोई एक पक्ष अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से हो और दूसरा पक्ष ओबीसी या सामान्य जाति से हो। विवाह हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 के तहत शादी का रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। शादी के एक साल के भीतर ही आवेदन करने पर ही योजना का लाभ मिलेगा। योजना के लिए यह दस्तावेज जरूरी भभुआ। अंतरजातीय विवाह योजना के लाभ के लिए लाभुकों को दस्तावेज भी देना होगा। दस्तावेजों में मुख्य रूप से शादी का निबंधन प्रमाण पत्र, वर-वधू का जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र व वर-वधू का संयुक्त बैंक खाते की विवरणी व मोबाइल नंबर। लाभुक ऐसे करें आवेदन भभुआ। योजना के लाभ के लिए लाभुकों को सबसे पहले बिहार अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म डाउनलोड करना होगा। इसके बाद इसमें मांगी गई जानकारी को सावधानीपूर्वक भरकर डॉक्यूमेंट्स अटैच करेंगे। आनलाइन आवेदन के बाद इसकी हार्ड कापी निकालकर फॉर्म को सामाजिक कल्याण विभाग कार्यालय में ले जाकर जमा करना होगा। कोट अंतरजातीय विवाह योजना के तहत कैमूर जिले में 38 लाभुकों को लाभान्वित किया गया। अभी 16 आवेदन और पड़े हैं। आवेदनों की जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद लाभुकों को योजना की राशि भुगतान की जाएगी। अतुल कुमारी, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग फोटो-24 मई भभुआ- 8 कैप्शन- समाहरणालय स्थित सामाजिक सुरक्षा कोषांग के कार्यालय में शनिवार को फाइल का निपटारा करतीं सहायक निदेशक अतुल कुमारी। (सिंगल फोटो)
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