‘भगवान का जन्म मानव कल्याण के लिए होता है
लोहदी गांव में श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन बैकुंठ जी महाराज ने बताया कि भक्ति में भगवान के प्रति प्रेम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब-जब धराधाम पर पाप बढ़ता है, तब भगवान का अवतार होता है। भागवत में...

लोहदी गांव में श्रीमद्भागवत कथा के दौरान बैकुंठजी महाराज ने कही कई गांवों के श्रद्धालु पहुंचे कथा सुनने व यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने (पेज चार) रामपुर, एक संवाददाता। मानव का कल्याण इस कलयुग में भक्ति से होगा। भक्ति में भगवान के प्रति प्रेम होना चाहिए। प्रेम हमारे मन, बुद्धि व चित से होना चाहिए। भगवान का जन्म धराधाम पर मानव कल्याण के लिए ही होता है। यह बातें लोहदी गांव में शुरू श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन गुरुवार को कथावाचक बैकुंठ जी महाराज ने कही। उन्होंने रामायण की चौपाई सुनाते हुए कहा कि जब-जब होई धर्म के हानि, बाढ़े ही असुर अधम अभिमानी, तब तब प्रभु धरही शरीरा, हर ही सजन सब पीरा।
उन्होंने इसका अर्थ समझाते हुए कहा कि जब-जब धराधाम पर पाप, दुराचार, अत्याचार बढ़ता है, तब-तब उसका नाश करने के लिए भगवान का अवतार होता है। उन्होंने कहा कि भागवत में प्रभु के 24 अवतार का वर्णन किया गया है। अहिल्या, सेवरी, प्रहलाद जैसे अपने भक्तों का उद्यार किया है। एक समय बेद ब्यास जी ने नारद भगवान से कहा कि मेरा मन नहीं लग रहा है। इस पर नारद जी ने बेद ब्यास जी से कहा कि आप एक ग्रंथ की रचना करें, जिसमें भगवान का गुणगान हो। इसपर बेद ब्यास जी ने 18 हजार श्लोक के साथ भागवत महापुराण लिखा। इसकी कथा सुनने के बाद परिक्षित जी को मोक्ष मिला था। इस प्रकार भागवत कथा के माध्यम से मानव मोक्ष का मार्ग बताया। मौके पर काफी पुरुष व महिला श्रद्धालु थे। फोटो- 02 मई भभुआ- 9 कैप्शन- रामपुर प्रखंड के लोहदी गांव में गुरुवार को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करते श्रद्धालु।
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