सूख गया शहर का राजेंद्र सरोवर, बच्चे खेल रहे हैं क्रिकेट
छठ व्रत करने के लिए है उपयुक्त सरोवर, नहीं भरा जा रहा है पानी सैकड़ों महिला-पुरुष करते हैं मॉर्निंग वाक, योगासन और व्यायाम

छठ व्रत करने के लिए है उपयुक्त सरोवर, नहीं भरा जा रहा है पानी सैकड़ों महिला-पुरुष करते हैं मॉर्निंग वाक, योगासन और व्यायाम (बोले भभुआ) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। शहर के कैमूर स्तंभ के पास स्थित राजेंद्र सरोवर का पानी सूख गया है। अब बच्चे इसमें क्रिकेट खेल रहे हैं। यह सरोवर शहर के मुहाने पर है। इससे शहर की पहचान भी मिलती है। कभी इसमें फूलों की क्यारी, रंग-बिरंगे फूलों के पौधे, इसके पिंड पर हरी घास, प्रकाश, पेयजल, शौचालय आदि की सुविधाएं थीं। लेकिन, अब कहीं-कहीं फूलों के पौधे दिख रहे हैं। पेड़ भी अनाकर्षक बन गए हैं। घास सूख गई हैं। शौचालय में ताले लटक रहे हैं। कई नल की टोंटी व पाइप क्षतिग्रस्त हो गई है। इस सरोवर के पिंड पर छतरीनुमा शेड बने हैं, जिसमें लोग बैठकर आराम फरमाते हैं। छठ व्रतियों को अर्घ्य देने के लिए घाट बनाए गए हैं। लेकिन, तालाब के सूख जाने से इसकी सुंदरता का कोई मायने दिखता नजर नहीं आता। शहर के राकेश कुमार व निरज सिंह ने बताया कि जब इसमें सालोंभर पानी रहता था, तब नौका विहार की भी सुविधा थी। लोग सरोवर के मध्य जलक्रीड़ा करते थे। मछलियां उछाल मारती थीं। रंग-बिरंगे फूल, हरी घास, लंबे पेड़ हरियाली व सुंदरता का गवाह बनते। लेकिन, अब ऐसा कुछ भी नहीं है। शहर के वार्ड 18 की गुड़िया देवी व श्वेता कुमारी ने बताया कि वह इस पार्क में रोजाना मॉर्निंग वाक करने आती हैं। यहां की कुछ लाइट खराब हैं। पेड़-पौधों व घास की देखरेख व छंटाई का अभाव खलता है। तालाब का पानी सूख गया है। इसके पिंड के कुछ हिस्सों में गंदगी है। कार्तिक मास में छठ व्रत के दौरान सरोवर की सफाई करने के साथ इसमें पानी भी भरा गया, जिसमें व्रतियों ने अर्घ्य दिया। लेकिन, आज इस सरोवर को देखने से लगता है कि उसके बाद इसमें पानी नहीं भरा गया है। विशेषज्ञों की टीम बुलाएगा मत्स्य विभाग इस बिंदु पर जिला मत्स्य पदाधिकारी भारतेंदु जायसवाल से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि वह जुलाई माह में यहां योगदान किए हैं। राजेंद्र सरोवर की देखरेख करने की जिम्मेदारी मत्स्य विभाग की है। उन्होंने बताया कि यहां के कर्मी बताते हैं कि पहले इस तालाब में पानी भरा रह रहा था। लेकिन, इसमें तीन-चार साल से पानी नहीं ठहर रहा है। छठ व्रत के दौरान नगर परिषद प्रशासन द्वारा मोटर के माध्यम से पानी भरवाया गया था। लेकिन, चार-पांच दिनों बाद वह पानी भी निकल गया। बरसात का पानी भी नहीं ठहर पाता है। इस सरोवर का पानी कहां चला जा रहा है इसका पता लगाने और पानी के ठहराव की संभावना की तलाश करने के लिए विशेषज्ञों की टीम को बुलाएंगे। क्रिकेट खेल रहे बच्चों राजेश, पिंटू, सोनू आदि ने बताया कि जब से राजेंद्र सरोवर का पानी सूखा है, तब से वह स्कूल से लौटने पर क्रिकेट खेलते आ रहे हैं। जगजीवन स्टेडियम या हवाई अड्डा मैदान यहां से दूर है। इसलिए वहां नहीं जाते हैं। लेकिन, इसका सौंदर्यीकरण करा दिए जाने से बेहतर होगी। फोटो- 09 अप्रैल भभुआ- 1 कैप्शन- भभुआ शहर के समाहरणालय पथ में कैमूर स्तंभ के पास सोमवार को सूखा दिखता राजेंद्र सरोवर।
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