चांद के ऐतिहासिक पोखरे के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा
मुख्यमंत्री के सलाहकार अंजनी प्रसाद सिंह ने पूरबी पोखरा के जीर्णोंद्धार का निर्देश दिया था। यह तालाब अब कचरे से भरा हुआ है और जलकुंभी उग आई है। स्थानीय लोग इसकी सफाई और पुनर्स्थापना की मांग कर रहे...

मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे अंजनी प्रसाद सिंह ने भी जीर्णोंद्धार का दिया था निर्देश तालाब में खिले थे कमल के फूल, तैर रहे थे हंस, पीते थे पानी और पकता था भोजन (बोले भभुआ) चांद, एक संवाददाता। प्रखंड मुख्यालय चांद चौक स्थित ऐतिहासिक पूरबी पोखरा के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। जब इस तालाब के पानी को ग्रामीण पीने व खाना पकाने के उपयोग में लाते थे। तब तालाब में कमल के फूल खिले थे और हंस तैरते थे। उस वक्त ब्रिटिश सरकार के अधिकारी व मुसाफिर यहां घंटों बैठकर शीतल हवा व कलकल करते पानी के बीच हंस को खेलते देखते थे।
यह स्थल मनोरंजन व थकान मिटाने का केंद्र बना था। लेकिन, अब लोग इसमें कचरा फेंक रहे हैं। इससे इसकी लंबाई-चौड़ाई व गहराई कम होने लगी है। इसमें नाले का पानी भी गिरता है। तालाब में जलकुंभी उग आई है। इसका पानी दूषित हो गया है। चांद के चिंतामणी राम ने बताया कि अब इस तालाब को लोगों ने कूड़ादान बना लिया है। बाजार के व्यवसाई व चांद के आधा गांव के लोग इसमें कचरा फेंक रहे हैं, जिससे इसमें से दुर्गंध निकलती है। पोखरा के चारों पिंड पर मंदिर है। दक्षिणी पिंड पर कन्या मध्य विद्यालय स्थित है, तो पूर्वी व उत्तरी पिंड पर श्राद्ध कर्म करने का स्थल भी है। फिर भी लोग इसे गंदा कर रहे हैं। स्थानीय लोगों सुखी राय, घुरहू साह, पवन पांडेय, सुदामा तिवारी ने कहा कि इस ऐतिहासिक तालाब को अमृत सरोवर के रूप में चिन्हित कर इसका जीर्णोंद्धार कराया जाना जरूरी है। ग्रामीण दु:खी मियां कहते हैं कि यह तालाब साम्प्रदायिक सौहार्द का मिसाल पेश करता है। एक ही घाट से विभिन्न वर्ग के लोग घरों में खाना पकाने के लिए पानी ले जाते थे। सभी के बर्तन इस तालाब में डुबकी लगाते और पानी भरकर निकलते थे। न छुआछूत की भावना थी और न जात-संप्रदाय का। काम निबटाने के बाद शाम के वक्त ग्रामीण यहां बैठकर आपस में हंसी-ठिठोली करते थे। अब तक यह स्थल बैठने लायक भी नहीं रह गया है। कई अफसरों ने किया निरीक्षण, पर अब नहीं हो सका कुछ इस तालाब का निरीक्षण कई अफसरों ने किया। लेकिन, अबतक कुछ नहीं हो सका। ग्रामीणों ने बताया कि तत्कालीन डीएम डॉ. नवल किशोर, डीएम असंगवा आओ चुआं, डीएम नवदीप शुक्ला, डीडीसी कुमार गौरव तालाब के पास आए। इसकी स्थिति देखे और कनीय पदाधिकारियों को इसके जीर्णोंद्धार की दिशा में पहल करने का निर्देश दिया। लेकिन, इन अफसरों का निर्देश फाइलों में दबकर रह गई। कुछ नहीं हुआ। आमजन इसके बदबूदार पानी से त्रस्त हैं। बरसात के दिनों में परेशानी और बढ़ जाती है। क्योंकि इसी तालाब में गंदा पानी भी गिरता है और आमजन एवं दुकानदार कचरा भी फेंकते हैं। फोटो- 07 मई भभुआ- 1 कैप्शन- प्रखंड मुख्यालय चांद के पूरबी पोखरा में बुधवार को दिखता कचरा व उंगी जलकुंभी।
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