जयंती पर याद किए गए शाहाबाद के गौरव बाबू वीर कुंवर सिंह
भभुआ के शहीद संजय सिंह महिला डिग्री कॉलेज में बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में शिक्षकों और छात्राओं ने उनके जीवन का स्मरण किया और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को साझा किया।...

शहीद संजय सिंह महिला डिग्री कॉलेज के आयोजित कार्यक्रम में बाबू वीर कुंवर सिंह के स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को किया साझा कहा, अंग्रजी हुकूमत के खिलाफ जब तलवार उठाए तो 80 वर्ष की उम्र में भी बूढ़ी हड्डी में जगी थी जोश समारोह में कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ-साथ छात्राओं ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि (युवा पेज की लीड खबर) भभुआ, एक प्रतिनिधि। शहर के शहीद संजय सिंह महिला डिग्री कॉलेज में बुधवार को देश के महान स्वतंत्रता सेनानी और शाहाबाद के स्वतंत्रता क्रांति के जनक बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि के साथ की गई। उनकी तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलित कर उपस्थित शिक्षक एवं छात्राओं ने उन्हें नमन किया। बाबू कुंवर सिंह अमर रहे के नारे लगाए। वक्ताओं ने कहा कि जब भारत माता अंग्रेजी सत्ता की बेड़ियों में जकड़ी हुई थीं, तब शाहाबाद के बाबू वीर कुंवर सिंह ने क्रांति का ऐसा बिगुल बजाया कि उसकी धमक पूरे देश में सुनाई दी और उसकी आवाज इंग्लैंड तक पहुंची। उन्होंने जब तलवार उठाई तो उनके 80 वर्ष की हड्डियां भी उन्हें युवा बनाने के लिए विवश हो गईं। वक्ताओं ने कहा कि वह जहां देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की अग्रणी पंक्ति के नायक थे, वहीं शाहाबाद के क्रांति के जनक थे। लोगों ने उनके बताए मार्ग पर चलने और उनके जीवन चरित्र को युवाओं के बीच साझा करने तथा उनके बारे में जानकारी देने के लिए छात्राओं को प्रेरित किया। वक्ताओं का कहना था कि कभी हम लोग शाहाबाद के अंग हुआ करते थे। आज हम लोग शाहाबाद से अलग हुए हैं। लेकिन, हमलोगों की पहचान आज भी शाहाबाद से है और शाहाबाद की धरती बाबू वीर कुंवर सिंह की है। ऐसे में हमलोग बाबू वीर कुंवर सिंह के बताए रास्ते पर चलकर अपने को गौरवान्वित महसूस करते है। कालेज की प्राचार्या डॉ. तारा सिंह ने अध्यक्षता की। कार्यक्रम के दौरान कॉलेज की छात्राओं के बीच गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें शिक्षकों एवं छात्राओं ने बाबू कुंवर सिंह के जीवन परिचय को आपस में साझा किया। जब पूरे देश में गूंजी थी शाहाबाद की धरती की हुंकार कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य ने बताया कि इसी शाहाबाद की धरती में पैदा हुए बाबू वीर कुंवर सिंह ने 80 वर्षों की उम्र में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। जब भारत माता गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी हुई थी, अंग्रेजों का साम्राज्य स्थापित हो गया था तब शाहाबाद की धरती से महान स्वतंत्रता सेनानी ने हुंकार भरी, जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ी थी। ‘अस्सी वषों की हड्डी में जागा जोश पुराना था... कार्यक्रम में शिक्षकों व छात्रों ने महान स्वतंत्रता सेनानी को लेकर जीवन से जुड़ी कई कड़ियों को साझा किया। छात्राओं की पसंद की उक्ति ‘अस्सी वषों की हड्डी में जागा जोश पुराना था, कहते हैं सब कुंवर सिंह बड़ा वीर मरदाना था। शिक्षकों ने उनके अंदर विद्यमान अदम्य साहस की चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि अंग्रजी हुकूमत के खिलाफ जब तलवार उठाए तो 80 वर्ष की उम्र में भी बूढ़ी हड्डी में जोश जग गया था। जयंती समारोह का संचालन डॉ. सुमन कुमार सिंह एवं डॉ. पंकज सिंह ने किया। पहलगाम में मारे गए पर्यटकों को दी श्रद्धांजलि कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी गई। दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई तथा घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। मौके पर डॉ. सुमन सिंह, डॉ. अंजू सिंह, कृष्ण मोहन सिंह, भूपेंद्र नारायण सिंह, डॉ. वीरेंद्र कुमार सिंह, डॉ. उपेंद्र नारायण पांडेय, डॉ. सच्चिदानंद चौबे, अमित कुमार, सतीश देव, फरहान जावेद, आलिया अजमल, इशिका जायसवाल, जानकी कुमारी, शिमला कुमारी, जहान्वीकुमारी, श्रेया कुमारी आदि थीं। फोटो 23 अप्रैल भभुआ- 7 कैप्शन- शहर के शहीद संजय सिंह महिला कॉलेज में बुधवार को आयोजित बाबू कुंवर सिंह के जयंती समारोह में उनके तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करतीं प्राचार्या व अन्य।
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