नामांकन पखवाड़ा खत्म, अब स्कूलों में गूंजेगी बच्चों की 'चहक'
पेड़-पौधों से दोस्ती तो रंगों का खेल भी सीखेंगे कक्षा एक के छात्र 21 मई

हिन्दुस्तान विशेष भागलपुर, वरीय संवाददाता
स्कूलों में 15 अप्रैल को चिह्नित छात्रों के नामांकन के साथ ही नामांकन पखवाड़े का समापन हो जाएगा। इसके बाद प्राथमिक विद्यालयों में 21 अप्रैल से लेकर 15 अगस्त तक भागलपुर समेत बिहार के सभी सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक के छात्रों के लिए विद्यालय तत्परता मॉड्यूल 'चहक' का संचालन किया जाएगा। यह मॉड्यूल नवनामांकित छात्रों के लिए मिशन निपुण बिहार के तहत चलाया जाएगा। जबकि गर्मी की छुट्टी, बाढ़ की आपदा या किसी अन्य कारणों से इस अवधि में चहक कैलेंडर की गतिविधियों का संचालन पूरा नहीं किये जाने पर चहक कार्यक्रम को 15 अगस्त 2025 के बाद भी संचालन होगा। इसको लेकर प्राथमिक शिक्षा निदेशक सह निपुण बिहार निदेशक साहिला ने भागलपुर समेत सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एसएसए) को निर्देश दिया है।
प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से होगा चहक मॉड्यूल का संचालन
दरअसल, अकादमिक सत्र 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में कक्षा एक के बच्चों के लिए चहक गतिविधियों का संचालन स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से किया गया था। इस बाबत चालू सत्र 2025-26 के लिए भी कक्षा एक के नामित शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस क्रम में बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक प्रकाशन निगम लिमिटेड की ओर से सभी जिलों के प्रखंड संसाधन केंद्रों को चहक अभ्यास पुस्तिका उपलब्ध कराई जा रही है। यह अभ्यास पुस्तिका हर हाल में 15 मई तक प्रखंड संसाधन केंद्रों को उपलब्ध कराने का निर्देश भी निदेशक ने दिया है।
एक से लेकर 15 अप्रैल तक नामांकन पखवाड़ा चलाने का था निर्देश
गौरतलब है कि बीते एक से लेकर 15 अप्रैल तक भागलपुर समेत सभी जिलों में नामांकन पखवाड़ा का संचालन किया। इस दौरान आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं ने छह वर्ष की उम्र पूरा कर लेने वाले तथा अगले छह महीने के अंदर छह वर्ष की उम्र पूरा करने वाले बच्चों को चिह्नित किया है। इन सभी बच्चों को अब चहक कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। साथ ही जिन स्कूलों में कक्षा एक और दो दोनों के बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ाए जा रहे हैं, ऐसे विद्यालयों में कक्षा एक के बच्चों को अलग बैठाने का निर्देश भी दिया गया है।
बच्चों को आधारभूत ज्ञान देने के लिए बनाई चहक अभ्यास पुस्तिका
गौरतलब है कि बच्चों को खेल-खेल में अक्षर ज्ञान, रंगों का ज्ञान, साफ-सफाई के लिए जागरूकता और पशु-पक्षियों की पहचान का ज्ञान कराने के लिए चहक अभ्यास पुस्तिका का निर्माण किया गया है। इस अभ्यास पुस्तिका में विस्तृत पैमाने पर बच्चों को आस-पास की चीजों के बारे में जानकारी देने का तरीका बताया गया है। इधर, निदेशक ने कहा है कि जिलों में चहक मॉड्यूल के संचालन के लिए नामित शिक्षक अगर फिर से प्रशिक्षण लेना चाहेंगे तो उन्हें जिला स्तर पर कार्यरत मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
कोट----
चहक मॉड्यूल के माध्यम से नवनामांकित बच्चों के बीच खेल-खेल में शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन किया जाना है। इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है।
-राजकुमार शर्मा, डीईओ
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।