खाने-पीने और दवा पर खर्च हो गये 80 हजार लेकिन नहीं दूर हो सका दर्द
भागलपुर के मायागंज अस्पताल में 55 वर्षीय प्रमिला देवी की सर्जरी दो डॉक्टरों के बीच विवाद के कारण टल गई है। उनके पति ने 80 हजार रुपये खर्च किए हैं, लेकिन अब भी उनकी पत्नी को दर्द से राहत नहीं मिली है।...

भागलपुर, वरीय संवाददाता मायागंज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के बेड नंबर 58 पर डॉ. कन्हैया लाल की यूनिट में भर्ती 55 वर्षीय प्रमिला देवी दो डॉक्टरों (एनेस्थेटिक व यूनिट इंचार्ज) के बीच का टसल माना जा रहा है। प्रमिला देवी के पति श्रीलाल मंडल निवासी वल्लीटोला पीरपैंती ने बताया कि जबसे उनकी पत्नी अस्पताल में भर्ती हुई है। तबसे लेकर अब तक बाहर से दवा-इंजेक्शन से लेकर हम सबके खाने-पीने पर तकरीबन 80 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं। लेकिन पत्नी की सर्जरी न होने से उसके रीढ़ में दर्द लगातार बना हुआ है। अब तो ये लगता है कि इतने रुपये में तो किसी निजी अस्पताल में पत्नी की सर्जरी हो जाती। मानसिक व शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिल जाती सो अलग। अब तो जेब में इतने भी रुपये नहीं है कि निजी अस्पताल में जाकर इलाज करा सके।
इधर, निश्चेतक ने दिया एचओडी को अपना स्पष्टीकरण
गुरुवार को निश्चेतना विभाग के हेड डॉ. आलोक कुमार सिंह ने विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र प्रसाद सिंह को शोकॉज करते हुए 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा तो शुक्रवार को निश्चेतक डॉ. सिंह ने अपना लिखित स्पष्टीकरण दे दिया। इस स्पष्टीकरण अपना पुराना राग (एक ही मरीज को वे जनरल एनेस्थीसिया देने की बात कहने पर डॉ. कन्हैया लाल पर अपशब्द बोलने का आरोप) अलापते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि यूनिट इंचार्ज डॉ. कन्हैया लाल को उनके ऊपर भरोसा नहीं है। ऐसे में किसी और एनेस्थेटिक की तैनाती उनके यूनिट में लगाकर महिला मरीज का ऑपरेशन करा दिया जाये। वे अब डॉ. कन्हैया लाल की यूनिट में काम करने में असमर्थ हैं।
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