बोले मुंगेर : दुकानें नीची और सड़क ऊंची, बाजार में कहीं नहीं है पार्किंग की व्यवस्था
1862 में स्थापित जमालपुर रेल कारखाने के बाद से सदर बाजार का विकास हुआ है, जो अब 2500 दुकानों का केंद्र है। प्रतिदिन 15000 लोग यहाँ आते हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। व्यवसायियों ने समस्याओं को...

1862 ई. में जमालपुर रेल कारखाना की स्थापना के साथ ही जमालपुर के सदर बाजार का विकास प्रारंभ हुआ था। यह बाजार आज लगभग 2500 दुकानों का केंद्र बन चुका है। यहां प्रतिदिन लगभग 15000 लोग बाजार करने आते हैं और प्रतिदिन लगभग 3 करोड़ रुपए का व्यापार होता है। परंतु, आज तक बाजार के विकास के साथ आवश्यक सुविधाओं का समुचित विकास नहीं हो पाया है। ऐसे में, यहां के व्यवसायी कई समस्याओं एवं असुविधाओं का सामना कर रहे हैं। उनकी समस्याओं एवं असुविधाओं को लेकर सदर बाजार में ही उनके साथ हिन्दुस्तान द्वारा बोले मुंगेर अभियान के तहत संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने खुलकर अपनी समस्याएं बताईं। 25 हजार दुकानें हैं जमालपुर सदर बाजार में
15 हजार लोग यहां प्रतिदिन खरीदारी करने आते हैं
03 करोड़ का बाजार में प्रतिदिन होता है व्यापार
जमालपुर के सदर बाजार में लंबी मांग के बाद हाल ही में बाजार के मुख्य सड़क का पुनर्निर्माण कराया गया है, लेकिन इसके पुनर्निर्माण में लापरवाही बरती गई है। व्यवसाईयों ने कहा कि, बिना योजना के और असुविधा का ख्याल रखे बिना सड़क का निर्माण करा दिया गया है। सड़क को इतना ऊंचा और संकीर्ण बना दिया गया कि आज यातायात बाधित हो रहा है और दुकानों का स्तर सड़क से नीचा हो गया है। इससे हमारे व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। फुटपाथ निर्माण की भी कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। इससे वर्षा होने पर यहां के दुकानदारों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बुनियादी सुविधाओं का अभाव:
व्यवसायियों ने बताया कि अंग्रेजी जमाने से ही अब तक बाजार में एक अदद शौचालय तक नहीं बन पाया है। विशेषकर महिलाओं और आगंतुकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यह प्रशासनिक उदासीनता का एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। यही नहीं, बढ़ती भीड़ के अनुपात में आज तक वाहन पार्किंग की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। सड़क किनारे अवैध रूप से वाहन खड़ा करने के कारण हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे समय की बर्बादी, ईंधन की अनावश्यक खपत और वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। बाजार में भारी संख्या में आवारा पशु भी घूमते रहते हैं, जिसके कारण यहां आने वाले लोगों को कई बार अचानक उनके द्वारा उत्पन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन आवारा पशुओं को देखने का कोई व्यवस्था नगर निगम के पास नहीं है।
विकसित सब्जी बाजार की आवश्यकता:
उन्होंने बताया कि, रेलवे द्वारा राशि उपलब्ध कराए जाने के बावजूद नगर परिषद द्वारा
मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण नहीं कराया जा रहा है। यदि यह कार्य होता तो सड़क और फुटपाथ पर अवैध वेंडरों से उत्पन्न जाम की समस्या काफी हद तक सुलझ सकती थी। व्यवसायियों की एक बड़ी समस्या सुरक्षा की भी है। बाजार में सुरक्षा का घोर अभाव है। रातों-रात दुकानों को तोड़कर चोरी की घटनाएं आम हैं। अपराध की रोकथाम के लिए कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता व्यवसाइयों के बीच असंतोष फैला रही है। व्यवसायियों का कहना था कि, आज भी बाजार के अधिकांश हिस्सों में नल-जल योजना का लाभ नहीं पहुंच पाया है। साथ ही, फुटपाथों पर अतिक्रमण और ठेला दुकानदारों के कारण यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है। नगर परिषद द्वारा अतिक्रमण हटाने की मुहिम अस्थायी साबित हो रही है।
पूर्वी क्षेत्र से संपर्क बाधित:
उन्होंने बताया कि, रेलवे द्वारा जमालपुर स्टेशन पर बना छोटा पुल तोड़ दिया गया है, जिससे पूर्वी क्षेत्र के निवासियों को सदर बाजार आने के लिए 2–3 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। इसका सीधा असर बाजार में व्यापारिक गतिविधियों पर पड़ा है। जमालपुर सदर बाजार का भौतिक विस्तार अवश्य हुआ है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी ने विकास को अधूरा बना दिया है। नगर परिषद और रेलवे प्रशासन की उदासीनता के चलते व्यवसायियों और आम नागरिकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में, आवश्यकता है कि, समस्याओं का त्वरित और स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि यह ऐतिहासिक बाजार अपनी वास्तविक संभावनाओं को साकार कर सके।
शिकायत
1. सदर बाजार की सड़क ऊंची और संकरी बना दी गई है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है और दुकानों का स्तर नीचा हो गया है।
2. बाजार क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाओं का आज भी घोर अभाव है।
3. बाजार में समुचित पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से जाम और प्रदूषण की समस्या बनी हुई है।
4. बाजार में चोरी की घटनाएं आम हैं। रातों रात दुकानों को तोड़कर सारा सामान निकाल लिया जाता है और पुलिस कुछ नहीं कर पाती है। कहीं भी सीसीटीवी कैमरे या पर्याप्त पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है।
5. नल-जल योजना का लाभ बाजार के अधिकांश हिस्सों तक नहीं पहुंच पाया है। यहां का हृदय स्थल बराट चौक पर की दुकानें भी नल- जल योजना से महरूम है। इसके साथ ही फुटपाथों का पूरी तरह से अतिक्रमण कर लिया गया है, इसके कारण भी यातायात बाधित होता है।
सुझाव:
1. बाजार की मुख्य सड़क का स्तर दुकानों के अनुरूप समायोजित कर पुनः निर्माण किया जाए तथा उचित फुटपाथ बनाए जाएं।
2. बाजार क्षेत्र में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्वच्छ और सुरक्षित शौचालयों का निर्माण कराया जाए।
3. बाजार के निकट बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधा विकसित की जाए और सड़क किनारे अवैध पार्किंग पर सख्ती से रोक लगे।
4. बाजार में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, पुलिस गश्त बढ़ाई जाए और अपराध नियंत्रण के लिए त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था हो।
5. पूरे बाजार में नल-जल योजना का विस्तार किया जाए तथा नियमित और कठोर कार्रवाई द्वारा अतिक्रमण को स्थायी रूप से हटाया जाए।
सुनें हमारी बात
जमालपुर नगर परिषद द्वारा बजट में एक करोड़ रुपये की लागत से शहर में सीसीटीवी लगाना था। बजट पास होने के बाद भी कैमरा नहीं लगाया गया। जबकि पिछले बजट में 20 लाख की लागत से कैमरा लगाना था, वह भी आज तक नहीं लग पाया। आए दिन गुंडा-बदमाशों से दो-चार होना पड़ता है।
-सरदार परमजीत सिंह
जमालपुर सदर बाजार में बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी ने विकास को अधूरा बना दिया है। नगर परिषद और रेलवे प्रशासन की उदासीनता के चलते व्यवसायियों और आम नागरिकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
-साईं शंकर
जमालपुर बाजार की सड़कों को छोटी कर दी गई है। नगर परिषद के द्वारा सड़क के दोनों ओर फुटपाथ बनाना था, लेकिन विभाग के द्वारा अब तक नहीं बनाई गई। अब सारे दुकानदार खुद अपने-अपने आगे में फुटपाथ बना रहे हैं।
-सरदार संदीप गांधी
बढ़ती भीड़ के अनुपात में आज तक वाहन पार्किंग की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। सड़क किनारे अवैध वाहन खड़ा करने के कारण हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है।
-संजीव कुमार
जमालपुर बाजार में अतिक्रमण, ठेला और सब्जी के स्टॉलों के कारण अक्सर जाम रहता है, जिससे ग्राहकों और व्यापारियों दोनों को परेशानी होती है।
-भोला साह
जमालपुर बाजार में अतिक्रमण के कारण भी जाम होता है। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई की है, लेकिन समस्या बनी हुई है।
-मो. शमशाद
व्यवसायियों की सुरक्षा के लिए शहर में सीसीटीवी की व्यवस्था नहीं है। व्यापारी को टैक्स के अनुरूप कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है।
-रणवीर सिंह
एक घंटे की आंधी और बारिश में 4-5 घंटे बिजली काट दी जाती है। बिजली के तार अंडरग्राउंड हों। बिजली कटने से व्यापार पर सीधा असर पड़ता है।
-रंजीत साह
रेलवे द्वारा राशि उपलब्ध कराए जाने के बावजूद नगर परिषद द्वारा मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण नहीं करवाया गया। यदि यह कार्य होता तो सड़क और फुटपाथ पर अवैध वेंडरों से उत्पन्न जाम की समस्या नहीं होती।
-विनोद कुमार
रेलवे द्वारा जमालपुर स्टेशन पर बना छोटा पुल तोड़ दिया गया, जिससे पूर्वी क्षेत्र के निवासियों को सदर बाजार आने में काफी परेशानी होती है।
-गगन मेहता
बाजार के अधिकांश हिस्सों में नल-जल योजना का लाभ नहीं पहुंच पाया है। साथ ही फुटपाथों पर अतिक्रमण होने के कारण यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है।
-ब्रह्मदेव पासवान
बाजार में सुरक्षा का घोर अभाव है। रातों-रात दुकानों को तोड़कर चोरी की घटनाएं आम हैं। अपराध की रोकथाम के लिए कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं।
-अलख दयाल
अंग्रेज जमाने से अब तक सदर बाजार में एक शौचालय तक नहीं बन पाया है। विशेषकर महिलाओं और ग्राहकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
-गौरव मिश्रा
हाल ही में बाजार के मुख्य सड़क का निर्माण कराया गया है, लेकिन इसमें लापरवाही देखी गई है। सड़कों को ऊंचा और छोटा बना दिया गया है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है।
-रवि कुमार
सड़क को ऊंचा और छोटा बना दिया गया है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है और दुकानों का स्तर सड़क से नीचे हो गया है। इससे दुकानदारों के व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
-गुड्डू
सदर बाजार में हाईमास्ट लाइट और सीसीटीवी की व्यवस्था होनी चाहिए। यहां रातों-रात दुकानों को तोड़कर चोरी की घटनाएं आम बात है। अपराध की रोकथाम के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
-संतोष कुमार जिम्मी
बोले जिम्मेदार
सदर बाजार में जल्द ही मार्केट कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए रेलवे ने भी राशि दी है और बजट में भी प्रावधान किया गया है। यह हमारी प्राथमिकता में शामिल है। मार्केट कॉम्प्लेक्स में ही पार्किंग स्थल के निर्माण की योजना है। बाजार के फुटपाथ को पेवर ब्लॉक के माध्यम से ऊंचा करने और व्यवस्थित किये जाने की योजना है। शीघ्र ही सभी दुकानों में नल जल योजना का पानी पहुंचेगा। इसके साथ ही जगह चिह्नित कर शौचालय का भी निर्माण कराया जाएगा। बाजार में घूमने वाले आवारा पशुओं के लिए हम लोग योजना बना रहे हैं। जहां तक रेलवे छोटा पुल का मामला है, तो इस संबंध में कोई भी निर्णय रेल प्रशासन ही ले सकता है। नगर परिषद् का प्रयास है कि आगामी छह महीने के अंदर बाजार की सारी समस्याओं को दूर कर दिया जाए।
-विजयशील गौतम, एग्जीक्यूटिव, नगर परिषद, जमालपुर
बोले मुंगेर फॉलोअप
कॉलेजों में धूल फांक रहे प्रयोगशाला के उपकरण
मुंगेर, एक संवाददाता। किसी भी कॉलेज की शैक्षणिक स्तर की पहचान वहां की लाइब्रेरी एवं प्रयोगशाला से भी होती है। लेकिन, इस मामले में मुंगेर विश्वविद्यालय के लगभग सभी कॉलेज फिसड्डी हैं। अधिकांश कॉलेजों में उपकरणों के अभाव एवं लेबोरेटरी इंस्ट्रक्टर के नहीं रहने के कारण प्रयोगशालाएं बंद हैं। यदि कहीं संचालित भी हो रही हैं तो उसमें आवश्यक आधुनिक उपकरणों की कमी है। जबकि, लैब बाय एवं इंस्ट्रक्टर की तो सब जगह कमी है। इस मामले को बीते 28 जनवरी को बोले मुंगेर अभियान के तहत अपने हिन्दुस्तान समाचार पत्र ने प्रमुखता से उठाया गया था। उसमें विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा था कि सुसज्जित प्रयोगशाला का निर्माण मेरी प्राथमिकता में है। मैं 15 दिनों के अंदर प्रयोगशाला शुरू करने और आवश्यक उपकरण की व्यवस्था करने का कॉलेज को निर्देश दिया है। अब लगभग 2 महीना बीतने को है, लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय की किसी भी कॉलेज में प्रयोगशाला की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। कोई भी कॉलेज कुलपति के निर्देश को जमीन पर उतरने में रुचि नहीं दिख रहा है। विश्वविद्यालय भी अभी सीनेट चुनाव, सीनेट की बैठक आदि मामलों में उलझा हुआ है। ऐसे में देखना है कि कब तक कॉलेजों कुलपति के निर्देश का पालन होता है और प्रयोगशालाओं की स्थिति में सुधार होता है।
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