बोले सहरसा : सरकारी अनुदान और बैंक से लोन मिले तो बढ़ेगा व्यवसाय
सहरसा जिले में महिला एवं छात्राओं को सिलाई प्रशिक्षण लेने के बावजूद सरकारी सहयोग और बैंक से अनुदान नहीं मिल रहा है। इससे वे अपने व्यवसाय को आगे नहीं बढ़ा पा रही हैं। महिलाओं ने सरकार से आर्थिक सहायता...
सहरसा जिले के विभिन्न सरकारी एवं निजी संस्थान में सिलाई सीख रहीं महिला एवं छात्राओं को सरकारी लाभ एवं बैंक से कोई अनुदान नहीं दिए जाने के कारण वे अपने व्यवसाय को आगे नहीं बढ़ा पा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं। फिर हमलोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। सिलाई-कढ़ाई का काम जानने के बाद भी सरकारी अनुदान नहीं मिलने से मायूसी छाई हुई है। आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं रहने के कारण सिलाई कढ़ाई का सेंटर खोलने में असमर्थ हैं। लोन के लिए बैंक का चक्कर लगाते रह जाते हैं।
उन्होंने हिन्दुस्तान संवाद के दौरान अपनी समस्या बताई। 02 हजार से अधिक महिलाएं और युवतियां जुड़ी हुई हैं सिलाई के रोजगार से 05 सौ से अधिक महिलाएं सिलाई का विभिन्न जगहों पर ले रही हैं प्रशिक्षण 01 सरकारी एवं दर्जनों निजी केंद्रों पर लेती हैं सिलाई का प्रशिक्षण महिला सशक्तीकरण पर सरकार विशेष ध्यान दे रही है। लेकिन सहरसा में सिलाई-कढ़ाई सीख रही छात्राएं एवं महिलाओं को आज भी सरकारी स्तर पर सुविधा और सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इस कारण वह आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। गांव से लेकर शहर तक सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण सरकारी एवं निजी संस्थानों में ले रही हैं। सहयोग नहीं मिलने के कारण परेशानी उत्पन्न हो रही है। सिलाई-कढ़ाई सीखने के बाद भी उन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा हैं। महिलाओं ने कहा कि हम लोग आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं रहने के कारण खुद से अपना सिलाई-कढ़ाई का केंद्र नहीं खोल पा रहे हैं। महिलाओं का भविष्य संवारने एवं घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए सिलाई कढ़ाई जैसी बुनियादी चीज का प्रशिक्षण तो ले लिया है लेकिन सही मुकाम पर नहीं पहुंच पा रही हैं।सरकारी सहयोग मिलेगा तो बढ़ेगा व्यवसाय: उन्होंने कहा कि हम लोग सिलाई-कढ़ाई का काम निजी एवं सरकारी संस्थान से सिख रहे हैं। लेकिन सरकारी अनुदान नहीं मिलने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। यदि सरकार सहयोग करेगी तो हम भी अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाकर घर परिवार चला सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी लाभ लेने के लिए कई बार कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है फिर भी लाभ नहीं मिल पाता है। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। जब तक आर्थिक सहयोग नहीं मिलेगा तब तक हम लोग आत्मनिर्भर नहीं बन पाएंगे। हमलोगों का आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। जो अपने से व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेंगे। ऐसे में सरकारी सहयोग बहुत जरूरी है। सरकार हमारी उन्नति के लिए सहयोग करे। बैंक लोन की जटिल प्रक्रिया बनी है परेशानी प्रशिक्षण ले रहे लोगों ने कहा कि जब हम लोग प्रशिक्षण लेने जाते हैं तब वहां कहा जाता है कि यह प्रशिक्षण लेने के बाद आपको बैंक से लोन मिल सकेगा, जिससे आप अपनी व्यवसाय को आगे बढ़ा कर घर परिवार चला सकते हैं। लेकिन जब प्रशिक्षण समाप्त होता है और व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए बैंक लोन के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक द्वारालोन नहीं दिया जाता है। कई प्रकार की कागजात की कमी को बता कर वह रिजेक्ट कर देते हैं। कई बार ऐसा होता है कि लोन के लिए सारी प्रक्रिया होने के बाद बैंक बुलाकर सिविल खराब एवं अन्य तरह की बातों को कह कर रिजेक्ट कर दिया जाता है। ऐसे में महीनों दौड़ने के बाद भी हम लोगों को कारोबार बढ़ाने के लिए बैंक से लोन नहीं दिया जाता। सौ लोग आवेदन देते हैं तो चार-पांच को ही मिलता है लोन आवेदन करने वालों ने कहा कि यदि सौ लोग लोन के लिए आवेदन करते हैं तो चार पांच लोगों को ही लोन मिल पाता है। वो काफी कठिनाई के बाद। सरकारी सहयोग मिलने के बाद अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाकर अन्य लोगों को भी रोजगार से जोड़ सकेंगे। इससे हम लोगों का घर परिवार भी चलेगा और अन्य लोग भी यहां से सीख कर कमा सकेंगे। शिकायत 1. सिलाई सीखने के बाद अपना व्यवसाय खोलने के लिए सरकार सहयोग नहीं करती है। 2. बैंक से आसान तरीके से लोन नहीं दिया जाता है। 3. प्रशिक्षण लेने के बाद भी सरकारी अनुदान नहीं मिल रहा। 4. बैंक के चक्कर लगाते लगाते थक जाते हैं पर नहीं मिलता लोन। सुझाव 1. सरकार हम लोगों को अनुदान देगी तो व्यवसाय बढ़ेगा और घर परिवार ठीक से चलेगा। 2. बिना कागजात का लोन उपलब्ध कराने को बैंक को निर्देश दें। 3. बैंक की लंबी प्रक्रिया को लोन लेने में समाप्त किया जाए। 4. अनुदान मिलने से सिलाई सेंटर खोल सकेंगे, रोजगार मिलेगा। हमारी भी सुनें जिला में एक ही प्रशिक्षण केंद्र है जहां सिलाई सीख रहे हैं। इस दिशा में प्रयास करते अन्य केंद्र खुलना चाहिए। अनिता देवी सिलाई सीखने के बाद काम नहीं मिल पाता जिसके कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोन की दिशा में पहल हो। लाखो देवी प्रशिक्षण लेने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा । प्रशिक्षण लेने के बाद अब हमे बैंक से लोन नहीं मिल रहा है। रानी देवी जिले में सरकारी प्रशिक्षण केंद्र है। इसके अलावा अन्य केंद्र भी खोले जाने चाहिए ताकि प्रशिक्षण लेने में लोगों को परेशानी ना हो। साबित देवी प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र खुलने चाहिए। ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी प्रशिक्षण ले सकें और अपना व्यवसाय करें। आराधना सुमन सरकार को पद सृजित कर वैकेंसी निकालनी चाहिए ताकि विद्यालय में सिलाई शिक्षकों की बहाली हो सके। ललित देवी बैंक द्वारा तंग किया जाता है। कई कागजात की मांग करते हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। जिससे प्रक्रिया आसान हो। रंजन देवी सिलाई का काम जानते हुए भी बाहरी आमदनी नहीं रहने के कारण केंद्र नहीं खोल पा रहे हैं। बैंक से लाेन के चक्कर में परेशान रहते हैं। शांति देवी प्रशिक्षण लेने के बाद भी सरकार एवं बैंक के द्वारा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। सहयोग नहीं किया जाता है। परेशानी है। बीना देवी बच्चों को शुरुआती शिक्षा में सिलाई की जानकारी देनी चाहिए। इससे आगे चलकर वह इस क्षेत्र में भी अच्छा करेंगी। मीरा देवी सरकार को ग्रामीण इलाकों में नि:शुल्क प्रशिक्षण केंद्र खोलना चाहिए कई किलोमीटर दूर आना पड़ता है। रूना सरकारी अनुदान नहीं मिलने के कारण अपना व्यवसाय नहीं बढ़ा पा रहे हैं। इस दिशा में सरकार और प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जाना चाहिए। सीता देवी जिला प्रशासन को भी इस पर ध्यान देनी चाहिए और बैंक को निर्देश दिया जाए कि सिलाई प्रशिक्षण लिए लोगो को लोन दें। किरण देवी सरकार को विद्यालय में सिलाई का कोर्स करना चाहिए ताकि बच्चे पढ़ाई के साथ इसे भी सीख सकें और रोजगार पा सकें। पूनम देवी हमलोगों के परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। इसलिए सिलाई सीखना मजबूरी बन गई है। सिलाई का केंद्र खोलूंगी। रुना देवी सरकारी अनुदान मिलेगा तो हम लोग अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाकर लोगों को रोजगार देंगे। इससे हमारा परिवार भी चल पाएगा। सुनीता देवी बोले जिम्मेदार केंद्र सरकार की पीएमईजीपी योजना एवं मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत सरकार सहायता दे रही है। इसका लाभ लेने के लिए अभ्यर्थियों को पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा किसी भी वसुधा केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। उसके बाद इसका लाभ दिया जाएगा। खासकर महिलाओं को अधिक अनुदान दिया जाता है। -मुकेश कुमार, जीएम, उद्योग केंद्र सहरसा
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