नारियल की खेती से मालामाल होंगे बिहार के किसान, सरकार दे रही भारी सब्सिडी, जानें कैसे करें अप्लाई
नारियल की खेती के इच्छुक किसान horticulture.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ जमीन का रसीद, किसान निबंधन संख्या, पहचान पत्र, आदि कागजात देने होंगे। पोर्टल खुल चुका है। जिले में नारियल की खूब मांग है।

नालंदा के किसान नारियल की खेती करेंगे। कम मेहनत और कम लागत में अच्छी आमदनी होगी। उद्यान विभाग द्वारा नारियल पौधा वितरण योजना में नालंदा को शामिल किया गया है। बड़ी राहत यह कि अनुदान पर किसानों को पौधे मुहैया कराये जाएंगे। पोर्टल खुल गया है। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर योजना का लाभ मिलेगा। इस बार जिले में करीब नौ हेक्टेयर में नारियल की खेती का लक्ष्य रखा गया है।
इसके लिए 1600 पौधे बांटे जाएंगे। प्रति पौधे की कीमत 85 रुपया निर्धारित है। 75 फीसद अनुदान काटकर किसान को एक पौधे के लिए 21.25 रुपए प्रति पौधे देने होंगे। एक किसान कम से कम पांच तो अधिकतम 704 पौधे ले सकते हैं। एक हेक्टेयर में नारियल की खेती के लिए 176 पौधे की जरूरत पड़ती है। अच्छी बात यह कि जिले के जलवायु के अनुसार पौधे किसानों को मिलेंगे। खास यह भी कि किसान चाहें तो खेत में पौधे लगाएं या जगह की कमी है तो किचेन गार्डेन में भी लगा सकते हैं।
करें आवेदन, उठाएं लाभ
नारियल की खेती के इच्छुक किसान horticulture.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ जमीन का रसीद, किसान निबंधन संख्या, पहचान पत्र, आदि कागजात देने होंगे। पोर्टल खुल चुका है। जिले में नारियल की खूब मांग है। पर्व-त्योहार के मौके पर सूखा नारियल की मांग बढ़े पैमाने पर होती है। जबकि, सालोंभर कच्चा नारियल फल की बिक्री यहां होती है। अमूमन सूखा नारियल की खेप आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु से आती है। कच्चा नारियल फल के लिए यहां के कारोबारी कोलकाता की मंडियों पर निर्भर रहते हैं।
नारियल के पौधे का हर भाग उपयोगी होता है। इसके फल का जल प्राकृतिक पेय के रूप में, गरी खाने और तेल के लिए, पत्ते , जलावन, झाड़ू, छप्पर, खाद तथा लकड़ी फर्नीचर बनाने के काम में आती है। नारियल के फल एवं जल में विभिन्न प्रकार के विटामिन, शर्करा एवं खनिज लवण की प्रचुर मात्रा पायी जाती है। जिला उद्यान पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि नालंदा जिले में नारियल की खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुदान पर किसानों को पौधे मुहैया कराये जाएंगे। खास यह कि जिले के जलवायु और किसानों की पसंद के अनुसार पौधे मिलेंगे। नारियल की खेती से कम लागत में अच्छी कमाई की जा सकती है। इच्छुक किसान आवेदन कर सकते हैं।