पीएमएफएमई योजना में बिहार सबसे अव्वल, देश में पहला नंबर; 10000 से ज्यादा इकाइयों को स्वीकृति
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (PMFME) योजना को अमलीजामा पहनाने में बिहार ने परचम लहराया है। देश में पहला स्थान हासिल किया है। 10 हजार 296 आवेदकों को लोन देने की स्वीकृति दी जा चुकी है। इसमें 6 हजार 589 इकाइयों को लोन भी जारी किया जा चुका है।

पीएमएफएमई (प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन) योजना बिहार के लोगों को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में लाभ पहुंचाने में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने में बिहार ने एक बार फिर परचम लहराया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में योजना के सफल क्रियान्वयन और अधिक से अधिक संख्या में इससे लोगों को जोड़कर लाभ दिलाने में बिहार ने देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। अब तक यहां 10 हजार 296 आवेदकों को लोन देने की स्वीकृति दी जा चुकी है। इसमें 6 हजार 589 इकाइयों को लोन भी जारी किया जा चुका है। यह कुल वितरण का 63 फीसदी है।
मंत्रालय के अपर सचिव मिनहाज आलम की तरफ से जारी आधिकारिक पत्र में बताया है, कि बिहार ने वर्ष 2024-25 में पीएमएफएमइ योजना के तहत दूसरा सर्वाधिक संचयी प्रदर्शन किया है। वार्षिक प्रदर्शन में बिहार ने देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 में बिहार ने कुल 11 हजार इकाइयों का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिनमें कुल 10,270 को स्वीकृति दी गयी है. लक्ष्य का कुल 93 प्रतिशत हासिल किया।
एक तरफ पीएमएफएमई योजना में बिहार सबसे अव्वल है, तो वहीं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना में देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। उद्योग विभाग ने प्राप्त आवेदनों को बैंकों को भेजा था जिनमें 8077 आवेदनों को स्वीकृति दी गई है। स्वीकृत आवेदनों के अंतर्गत 14 हजार 899 लाख की राशि स्वीकृति की गई है। उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि पीएमईजीपी योजना के क्रियान्वयन में बिहार का देश में तीसरा स्थान आना गर्व की बात है।