मुजफ्फरपुर रेप पीड़िता के इलाज में PMCH हुई लापरवाही? जांच के लिए मंगल पांडेय ने बनाई टीम
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मुजफ्फरपुर में हुई नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसके बाद पीएमसीएच में उसके उपचार में हुई कथित लापरवाही की जांच के लिए टीम गठित की है। विभाग के तीनों निदेशक प्रमुख के नेतृत्व में यह जांच होगी।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी में नाबालिग दलित लड़की के साथ रेप और फिर उसकी हत्या के मामले को लेकर हंगामा मचा हुआ है। इस पूरे प्रकरण में पटना स्थित पीएमसीएच में पीड़िता के इलाज में लापरवाही की बात भी कही जा रही है। अब इस मामले में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कड़ा ऐक्शन लिया है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मुजफ्फरपुर में हुई नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसके बाद पीएमसीएच में उसके उपचार में हुई कथित लापरवाही की जांच के लिए टीम गठित की है। विभाग के तीनों निदेशक प्रमुख के नेतृत्व में यह जांच होगी। यह टीम मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच और पटना के पीएमसीएच में जांच कर रिपोर्ट देगी। स्वास्थ्य मंत्री ने पटना में मीडिया को यह जानकारी दी।
आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में नौ साल की एक दलित नाबालिग बच्ची के साथ रेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया गया था। रेप के बाद हैवान ने दलित बच्ची का गर्दन रेता था। इस कांड के बाद कोहराम मच गया था। बच्ची को उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल एसकेएमसीएच में पहले भर्ती करवाया गया था। यहां से उसे बाद में पटना के पीएमसीएच में रेफर कर दिया गया था। बच्ची करीब 5 दिनों तक SKMCH में एडमिट रही थी।
विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि पीएमसीएच में बच्ची को एडमिट करने के लिए उसके परिजनों को करीब 5 घंटे तक इंतजार करना पड़ा था क्योंकि उसे वहां बेड ही नहीं मिल रहा था। कांग्रेस का यह आरोप है कि जब कांग्रेस के नेता पीएमसीएच पहुंचे तब बच्ची को एडमिट किया गया लेकिन उसका वहीं ठीक ढंग से इलाज नहीं किया गया था। कांग्रेस का दावा है कि बेहतर इलाज के अभाव में बच्ची ने आखिरकार दम तोड़ दिया। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन भी किया था। इतना ही नहीं यह विवाद इतना बढ़ा था कि इसपर बीजेपी के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने इस्तीफा भी दे दिया था।