अनाज घोटाला : डीलरों को तौलकर नहीं दिया जाता है अनाज
अनाज घोटाला : डीलरों को तौलकर नहीं दिया जाता है अनाजअनाज घोटाला : डीलरों को तौलकर नहीं दिया जाता है अनाजअनाज घोटाला : डीलरों को तौलकर नहीं दिया जाता है अनाजअनाज घोटाला : डीलरों को तौलकर नहीं दिया जाता...

अनाज घोटाला : डीलरों को तौलकर नहीं दिया जाता है अनाज हर माह डीलरों को हो रहा 3-4 क्विंटल अनाज का नुकसान दोषियों पर कार्रवाई के लिए बिंद के डीलरों ने एसडीओ को दिया आवेदन कहा-अनाज घोटाले की हो बारीकी जांच, तो बड़ा गिरोह का हो सकता है भंडाफोड़ अनाज : अनाज के बोरे। बिहारशरीफ, निज प्रतिनिधि। जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों पर कमतौल और अधिक राशि लेने अथवा महीनों का अनाज गटकने के आरोप अक्सर लगते रहते हैं। लेकिन, अपने तरह का यह अनोखा मामला है, जब जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों ने ही अनाज घोटाला का आरोप इसकी जांच के जिम्मेवार एसडीओ के समक्ष लगाया है।
सामूहिक आवेदन देकर स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें अनाज देने में घोटाला किया जा रहा है। कभी भी अनाज के बोरों को तौलकर नहीं दिया जाता है। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीओ काजले वैभव नितिन ने कहा कि जांच कर दोषियों चको किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे में हर डीलर को हर माह 3-4 क्विंटल अनाज का नुकसान हो रहा है। इसकी भरपाई करने में वे जनता के बीच बदनाम होते हैं। मामले की तह तक की तहकीकात कर दोषियों पर कार्रवाई के लिए बिंद प्रखंड के डीलरों ने एसडीओ को शनिवार को आवेदन दिया है। कहा है कि अनाज घोटाले की बारीकी से जांच की जाये तो बड़ा गिरोह का भंडाफोड़ हो सकता है। नहीं होता रोस्टर का पालन : जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं को तौलकर अनाज नहीं दिये जाने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। डीलर नवीन कुमार, मनोज कुमार, रेखा कुमारी, रेखा कुमारी, राजेश कुमार, अरुण कुमार, रविरंजन प्रसाद, रंजीत कुमार, मुनमुन कुमार, ललन रविदास, धर्मेद्र यादव, विष्णुदेव पासवान, प्रसेनजीत पासवान, गायत्री देवी व अन्य ने संयुक्त हस्ताक्षर युक्त दिये आवेदन में लिखा है कि अनाज वितरण के लिए मासिक रोस्टर दिया जाता है। उसका पालन नहीं किया जाता है। बिना तौल वितरण का सिस्टम नहीं : जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों को अस्थावां गोदाम पर बुलाया जाता है। उनसे कहा जाता है कि चार-पांच बोरा अनाज छोड़े देंगे तो अभी खाद्यान्न देते हैं, वरना बाद में देंगे। डीएसडीओ द्वारा कहा गया है कि जनवितरण विक्रेताओं को बिना तौल कर खाद्यान्न की आपूर्ति नहीं की जानी चाहिए। डीएसडी द्वारा खाद्यान्न वजन करने की मशीन का उपयोग नहीं किया जाता है। इससे सभी पीडीएस को हर महीने 3 से 4 क्विंटल खाद्यान्न आपूर्ति कम दी जाती है। होगी जांच : डीएसडी (डोर स्टेप डिलेवरी) द्वारा बताया जाता है कि खाद्यान्न उतारने का लेबर चार्ज डीलर को ही देना पड़ता है। इसी प्रकार, अस्थावां के मुर्गियाचक के डीलर ज्वाला चौधरी ने भी फरवरी में आवेदन देकर प्रबंधक व डीएसडी पर अनियमितता बतरने का आरोप लगाया था। आवेदन के आलोक में सदर एसडीओ काजले वैभव नितिन ने कहा कि मामले की जांच करायी जायेगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।