नीतीश के प्रयास से देशव्यापी जातिगत जनगणना संभव: जदयू
नीतीश के प्रयास से देशव्यापी जातिगत जनगणना संभव: जदयू नीतीश के प्रयास से देशव्यापी जातिगत जनगणना संभव: जदयू

नीतीश के प्रयास से देशव्यापी जातिगत जनगणना संभव: जदयू केंद्र के जातिगत जनगणना के फैसले को एनडीए ने बताया ऐतिहासिक जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने नीतीश कुमार को बताया प्रेरणास्रोत फोटो: एनडीए पीसी: बिहारशरीफ अतिथि गृह में शुक्रवार को पत्रकारों को संबोधित करते जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार, साथ में अन्य। बिहारशरीफ, हमारे संवाददाता। देश में जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले का एनडीए के नेताओं ने स्वागत किया। बिहारशरीफ अतिथि गृह में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने इसे एक ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय बताते हुए कहा कि नीतीश है तो निश्चिंत हैं और मोदी हैं तो मुमकिन है।
नीतीश कुमार ने एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम उठाया, जिसकी रोशनी अब पूरे देश में फैल रही है। उन्होंने दावा किया कि जातिगत जनगणना की मूल प्रेरणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रहे हैं, जिन्होंने 1990 में ही इसकी शुरुआत की थी। नीरज कुमार ने बताया कि नीतीश कुमार जब वीपी सिंह की सरकार में मंत्री थे, तब पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उनसे जातिगत जनगणना को लेकर संवाद किया था। इसके बाद नीतीश कुमार ने मधु लिमये और वीपी सिंह से मिलकर इस विषय पर गंभीर विमर्श किया था। 1994 में लोकसभा में उन्होंने यह मांग जोरदार ढंग से रखी थी, लेकिन तत्कालीन सरकारों ने इसे लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के दौरान बिहार विधानसभा से दो बार जातिगत जनगणना के पक्ष में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया गया और 2022 में राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से सर्वेक्षण भी पूरा कराया। उन्होंने दावा किया कि यह निर्णय बिहार की प्रेरणा से ही राष्ट्रीय स्तर पर संभव हो सका। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने कभी भी जातिगत जनगणना को लेकर संसद में आवाज नहीं उठाई, न ही उन्होंने कांग्रेस की सरकारों पर दबाव डाला। कहा कि जातिगत जनगणना से देश में सामाजिक न्याय को नई दिशा मिलेगी और इससे आरक्षण की सीमा का वैज्ञानिक आधार तैयार किया जा सकेगा। जातिगत सर्वे ने खोले भ्रष्टाचार के राज: नीरज कुमार ने कहा कि अगर बिहार में जातिगत सर्वे नहीं होता, तो यह कैसे सामने आता कि लालू यादव के पास पटना में 43 बीघा भूमि है, जिसकी अनुमानित कीमत 468 करोड़ रुपये है? औरंगाबाद, गोपालगंज सहित कई जिलों में संपत्तियों का खुलासा इस सर्वे के जरिए हुआ है। यही कारण है कि अब कुछ लोग इससे असहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 2011 में मनमोहन सिंह सरकार में सामाजिक आर्थिक जनगणना हुई, लेकिन उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई। मौके पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव ई सुनील कुमार, विधायक डॉ जितेंद्र कुमार, कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया, कौशल किशोर, पूर्व विधायक चंद्रसेन प्रसाद, ललन कुमार, जदयू जिलाध्यक्ष मो अरशद, बीजेपी जिलाध्यक्ष ई रविशंकर प्रसाद, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जिलाध्यक्ष संजू मालाकार, जिला प्रवक्ता भवानी सिंह, डॉ धनंजय देव, धीरेंद्र रंजन, सचिन कुशवाहा, अजय कुमार, डॉ आशुतोष आदि मौजूद थे।
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