आंधी-बारिश के साथ गिरे ओले, किसानों की टूटी कमर
आंधी-बारिश के साथ गिरे ओले, किसानों की टूटी कमरआंधी-बारिश के साथ गिरे ओले, किसानों की टूटी कमरआंधी-बारिश के साथ गिरे ओले, किसानों की टूटी कमर

आंधी-बारिश के साथ गिरे ओले, किसानों की टूटी कमर प्रकृति आपदा ने रही-सही उम्मीदों पर भी फेर पानी गेहूं, आम, सब्जी, पान, मक्का व मूंगफली को नुकसान खेतों में जलभराव होने से प्याज की फसल तबाह फोटो आंधी01 - एकंगरडीह से सैदपुर पसंघी जाने वाली मुख्य मार्ग पर एकंगर डीह के निकट विशाल पीपल का पेड़ गिरा,आवागमन बाधित आंधी02 - नूरसराय मुजफ्फरपुर गांव में शनिवार की रात बारिश के साथ गिरे ओले को दिखाता बालक। आंधी03 - बारिश के बाद खेत में जलभराव और पानी में तैरता तैयार प्याज। आंधी04 - नूरसराय के मुजफ्फरपुर स्थित सूर्य मंदिर तालाब के पास पोल से उड़ा सोलर प्लेट। बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान टीम। गुरुवार को आयी तेज आंधी -बारिश की पड़ी मार से किसान उबरने की हिम्मत जुटा ही रहे थे कि शनिवार की रात पुन: आंधी-बारिश के साथ गिले ओले ने अन्नदाताओं की कमर तोड़ दी। जो कुछ उम्मीदें बच्ची थीं, वह भी खत्म हो गयी। त्रासदी ऐसी कि तबाह हुई फसलों को देख किसान छाती पीट रहे हैं। चेहरे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट दिखायी दे रही हैं। गेहूं, आम, सब्जी, पान, मक्का, मूंगफली समेत अन्य फसलें तबाह हो गयी हैं। हद तो यह कि हार्वेस्टिंग की स्थिति में पहुंची प्याज की फसल खेतों में जलभराव होने से तैरने लगी है। किसानों का कहना है कि कुदरत का कहर इस कदर बरपा है कि रही-सही उम्मीदें भी खत्म हो गयी हैं। शनिवार को पूरे दिन खिली धूप थी। लेकिन, रात दस बजकर बारह मिनट पर अचानक मौसम बदला। बादलों की गड़गड़ाहट के साथ तेज हवा शुरू हुई। देखते ही देखते बूंदाबांदी होने लगी। कुछ देर बाद ही तेज हवा के साथ मूसलाधार बारिश प्रारंभ हो गयी। इतना ही नहीं साढ़े दस बजे से ओले गिरने लगे। करीब आधे घंटे तक जिले के विभिन्न इलाकों में ओलावृष्टि होती रही। बीच-बीच में चमक के साथ आकाशीय बिजली व तेज मेघगर्जन के कारण हर कोई अनहोनी की आशंका से सिहर उठे। छोटे-छोटे बच्चे मां की गोद में सिमट गये। ग्यारह बजे ओले गिरने बंद हुई। परंतु, बूंदाबांदी होती रही। लोग बारिश थमने की उम्मीद लगा रहे थे कि ग्यारह बजकर बाइस मिनट पर पुनः तेज बारिश होने लगी। हालांकि, साढ़े ग्यारह बजे के बाद बारिश का शोर थम गया तो लोगों ने राहत की सांस ली। बची उम्मीदें भी हुई खत्म: बारिश के साथ ओले गिरने से फसलों को काफी क्षति पहुंची है। खासकर हार्वेस्टिंग के बाद खेत-खलिहानों में लगी प्याज की फसल काफी प्रभावित हुई है। ओले की वजह से मूंग के छोटे-छोटे पौधे टूट गये हैं। गेहूं की खड़ी फसल को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है। मक्के व लत्तरवर्गीय सब्जियां बर्बाद हो गयी हैं। पान की खेती तो पूरी तरह चौपट हो गयी है। रविवार की सुबह खेतों का हाथ जानने पहुंचे किसान तबाह-बर्बाद हुई फसलों को देख छाती पीटते नजर आये। नूरसराय के किसान गुड्डू महतो, संजीव कुमार, बालेश्वर राम, सुजय कुमार, पुरुषोत्तम कुमार, रंजीत कुमार व अन्य ने बताया कि मेहनत के साथ पूंजी भी डूब गयी है। घर-परिवार का गुजराना कैसे होगा, यही चिंता खायी जा रही है। आम के बागवान सुरेन्द्र राम कहते हैं कि पहले आंधी से 60 फीसद टिकोले झड़ गये। अब ओले के कारण सबकुछ तबाह हो गया। मुआवजा पर टिकी है अन्नदाताओं की उम्मीद: किसानों का कहना है कि जिला प्रशासन फसलों की हुई क्षति का सर्वे कराकर मुआवजा देने का आश्वासन दे रहा है। फिर भी अन्नदाता काफी चिंतित हैं। मुआवजा मिलेगा या नहीं, मिलेगा तो कितना जैसे प्रश्न किसानों को झकझोर रहे हैं। धरतीपुत्रों का कहना है कि प्रकृति आपदा के कारण खेतों में ऐसी तबाही मची है कि अब घर तक उपज आने की उम्मीद खत्म हो रही है। ऐसे में किसानों के पास एक मात्र उम्मीद क्षति का मुआवजा पर टिकी है। अगर सही तरीके से क्षति का आंकलन कर मुआवजा नहीं मिला तो किसान तबाह हो जाएंगे। बॉक्स : जिले में आज भी होगी 10 एमएम बारिश नूरसराय।निज प्रतिनिधि ग्रामीण कृषि मौसम सेवा,भागलपुर,सबौर से जारी नालंदा जिला मौसम पूर्वानुमान के अनुसार जिले में सोमवार को भी दस एमएम बारिश होने का अनुमान है। जिले में 32 डिग्री सेंटीग्रेट अधिकतम तो 19 डिग्री सेंटीग्रेट न्यूनतम तापमान रहने की संभावना है। जबकि, सापेक्ष आर्द्रता अधिकतम 90 तो न्यूनतम 45 प्रतिशत तक रह सकती है। जिले में 25 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। वहीं, मौसम विभाग ने तूफान व बिजली गिरने के साथ साथ तेज सतही हवाएं चलने की भी संभावना जतायी है। ऐसे में जिलेवासियों को सावधान व सचेत रहने की सलाह दी गयी है।
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