मौन और आत्म-स्पर्श आपको करेगा आनंदित
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मौन और आत्म-स्पर्श आपको करेगा आनंदित जीवन की तेज रफ्तार लोगों को भीतर से कर रही खाली ध्यान भागना नहीं, लौटना है अपनी श्वास, अपने शरीर और अपनी सच्चाई की ओर ध्यान विलासिता नहीं, बल्कि जीवन की मूलभूत आवश्यकता तनाव, चिंता और असंतुलन लोगों को कर रही विचलित राजगीर में शांत आध्यात्मिक क्रांति की हुई शुरुआत फोटो : राजगीर सेंटर : राजगीर में शनिवार को ओशमिन के कार्यक्रम में शामिल लोग। बिहारशरीफ, निज संवाददाता। मौन और आत्म-स्पर्श आपके जीवन को आत्मा को हमेशा आनंदित करेगा। आज के जीवन की तेज रफ्तार लोगों को भीतर से खाली कर रही है। तनाव, चिंता और असंतुलन हमें विचलित कर रही है। हम अपने पथ से भटक रहे हैं। ध्यान भागना नहीं, बल्कि अपनी श्वास, अपने शरीर और अपनी सच्चाई की ओर लौटना है। ध्यान विलासिता नहीं, बल्कि जीवन की मूलभूत आवश्यकता है। जिसने मौन को समझ लिया, उसने सबकुछ पा लिया। राजगीर में शांत आध्यात्मिक क्रांति अभियान में अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर ओशमिन ने कहा कि ऐसे समय में भारत के ग्रामीण इलाकों में एक नई और शांत क्रांति जन्म ले रही है। इसके माध्यम से ध्यान और आत्मबोध को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। वे गांव-गांव जाकर लोगों को ध्यान, श्वास तकनीक और आत्मचिंतन की सरल विधियां सिखा रहे हैं। ओशमिन की यह पहल व्यक्तिगत शांति का माध्यम बन रही है। उन्होंने बच्चों, महिलाओं और गांव के नेताओं को ध्यान की शिक्षा दी। कार्यक्रम में सोनू कुमार, शोभा देवी, गायत्री कुमारी, पूनम देवी, सुनैना देवी, शीला देवी, गुड़िया देवी, सकिना कुमारी, रूबी कुमारी व अन्य शामिल थीं।
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