Unique ID for Farmers Initiated Like Aadhaar 63 Registered in Two Days राहत : आधार की तरह किसानों का बनेगा यूनिक आईडी, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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राहत : आधार की तरह किसानों का बनेगा यूनिक आईडी

राहत : आधार की तरह किसानों का बनेगा यूनिक आईडीराहत : आधार की तरह किसानों का बनेगा यूनिक आईडीराहत : आधार की तरह किसानों का बनेगा यूनिक आईडी

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफSat, 12 April 2025 10:55 PM
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राहत : आधार की तरह किसानों का बनेगा यूनिक आईडी

राहत : आधार की तरह किसानों का बनेगा यूनिक आईडी प्रक्रिया शुरू, दो दिनों में 63 किसानों का हुआ फार्मर रजिस्ट्रेशन पायलट प्रोजेक्ट में हर प्रखंड के दो-दो गांवों का चयन फोटो किसान : चंडी के माधोपुर में शनिवार को किसानों का यूनिट आईडी बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन करते कर्मी। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। आधार कार्ड की तरह किसानों का यूनिक आईडी बनाया जाएगा। कृषि विभाग और राजस्व कर्मियों को प्रशिक्षित करने के बाद यूनिक आईडी बनाने की प्रक्रिया शुक्रवार से जिले में शुरू कर दी गयी है। पहले दिन 23 तो दूसरे दिन करीब 40 किसानों का फार्मर आईडी रजिस्ट्रेशन किया गया। हालांकि, शुरुआत में तकनीकी खामियों और किसानों के कैंपों में कम पहुंचने के कारण आईडी बनाने की रफ्तार कम है। पहले चरण में यूनिट आईडी बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जिले के प्रत्येक प्रखंड के दो-दो राजस्व गांवों का चयन किया गया है। चयनित गांवों में कैंप लगाये जा रहे हैं। किसानों का निबंधन करने की जवाबदेही कृषि विभाग के एटीएम (सहायक तकनीकी प्रबंधक), बीटीएम (प्रखंड तकनीकी प्रबंधक), कृषि समन्यक तो अंचल के राजस्वकर्मियों को दी गयी है। योजना को धरातल पर उतारने के लिए कृषि विभाग के 40 कर्मियों के साथ ही 40 राजस्व कर्मचारियों को लगाया गया है। फॉर्मर आईडी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया एप के माध्यम से ऑनलाइन की जा रही है। चयनित कर्मियों को अलग-अलग आईडी उपलब्ध कराया गया है। योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी: नये वित्तीय वर्ष में कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों का यूनिक आईडी अनिवार्य कर दिया गया है। अच्छी बात यह कि फॉर्मर आईडी में भूमि, पशु संसाधन, खेती अच्छादान सहित अन्य जानकारियां दर्ज होंगी। किसान सम्मान निधि, बीज अनुदान, प्रत्यक्षण एवं सहकारिता विभाग की फसल सहायता अनुदान जैसी योजनाओं का लाभ लेने के लिए फार्मर आईडी को अनिवार्य किया जा रहा है। खास यह भी कि यूनिट आईडी से किसानों की सारी जानकारियां एक क्लिक में उपलब्ध हो जाएंगी। किसानों की क्या होंगे फायदे: फार्मर आईडी से किसानों को कई फायदे होंगे। खास यह कि बार-बार किसानों को ई-केवाईसी करने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। आधार कार्ड की तरह किसानों की पूरी जानकारी यूनिक आईडी में दर्ज रहेगी। फार्मर आईडी बनाने वाले किसानों को केंद्र द्वारा सरकार की कृषि योजनाओं का लाभ मिलेगा। राहत यह कि इसके माध्यम से किसानों को सस्ता ऋण, कृषि इनपुट, विशिष्ट सलाह के साथ उत्पादों को बाजार तक पहुंचने में आसानी होगी। ये दस्तावेज जरूरी: किसानों को यूनिक आईडी बनवाने के लिए आधार कार्ड, आधार से लिंक मोबाइल नंबर व जमीन का अद्यतन रसीद शिविर में लेकर आना होगा। सूचीबद्ध किसानों को एग्रीस्टेक परियोजना से जोड़ा जाएगा ताकि कोई भी किसान वंचित न हो। इसमें किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाली जमीन का खाता, खेसरा, मोबाइल नंबर, आधार नंबर को मिलाकर एक संपूर्ण डाटाबेस तैयार किया जाएगा। क्या कहते हैं अधिकारी यूनिट आईडी के माध्यम से एक क्लिक में किसानों का सारी जानकारी मिलेगी। खेती की जानकारी के लिए खसरा व खतियान देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। योजनाओं का लाभ लेने में सहूलियत होगी। किसानों से अपील है कि शिविर में जाकर फॉर्मर रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। राजीव कुमार, डीएओ, नालंदा पायलट प्रोजेक्ट में ये राजस्व गांव चयनित : अस्थावा : अस्थावा एवं जाना, बेन : बेन एवं बारा, बिहारशरीफ: पावा एवं पचौरी, बिंद : बिंद व नौरंगा, चंडी : माधोपुर व बड़ौना, एकंगरसराय : एकंगरडीह व औंगारी, गिरियक : चोरसुआ व सतोआ, हरनौत : बाराह व चेरो, हिलसा : कपसियामा व जूनियर, इस्लामपुर : रानीपुर व ढेकवाहा, करायपरसुराय : : कोराई और पकड़ी, कतरीसराय : मैरा बरीडीह व बिलारी, नगरनौसा : नगरनौसा व कैला, नूरसराय : बाराखुर्द व बड़ारा, परवलपुर: सोनचारी व मई , रहुई : बारांदी व हवनपुरा, राजगीर : गोरौर व नाहुब, सरमेरा : सरमेरा व ईशुआ, सिलाव : घोसतावा और गोरावां, थरथरी : अस्ता व छारियारी बुजुर्ग ।

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