BPSC 70वीं परीक्षा दोबारा होगी या नहीं? पटना हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
BPSC 70वीं पीटी परीक्षा के मामले में पटना हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बीपीएससी एग्जाम को लेकर अदालत ने बुधवार को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई पूरी कर ली।

BPSC Exam HC Hearing: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने और रीएग्जाम की मांग करते हुए दायर याचिकाओं पर पटना हाई कोर्ट में सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली गई। कार्यकारी चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस पार्थ सारथी की बेंच ने इस केस का फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब कभी भी बीपीएससी एग्जाम से जुड़े मामले पर फैसला आ सकता है। मंगलवार को भी इस मामले पर सुनवाई हुई थी, लेकिन समय के अभाव में पूरी नहीं हो पाई थी।
कार्यकारी चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस पार्थ सारथी ने सुबह 10.30 बजे से लगातार शाम 4 बजे तक एक साथ 6 मामलों की सुनवाई की। BPSC परीक्षा मामले पर बुधवार को बिहार सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता पीके शाही ने हाई कोर्ट को बताया कि आवेदकों की ओर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। सरकार ने दावा किया कि 70वीं पीटी परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से हुई थी। आयोग की ओर से जारी सभी दिशा निर्देश को पालन किया गया था।
महाधिवक्ता ने कहा कि परीक्षा केंद्र के बाहर प्राइवेट कोचिंग संस्थान के लोगों के साथ-साथ परीक्षार्थियों के परिजन मौजूद थे। उन्हें परीक्षा केंद्र से दूर रखने के लिए पुलिस बल तैनात थी। हर सेंटर पर लगा जैमर काम कर रहा था। उन्होंने पटना के बापू परीक्षा भवन पर आयोजित परीक्षा के बारे में कोर्ट को बताया कि कुछ छात्रों ने हंगामा किया था। इस कारण वहां परीक्षा बाधित हुई।
महाधिवक्ता ने राज्य सरकार की ओर से कहा कि बापू परीक्षा केंद्र पर हुए हंगामे को लेकर पटना के अगमकुआं थाना में दो एफआईआर दर्ज की गई। कुछ छात्रों को गिरफ्तार किया गया और कई छात्रों को तीन साल के लिए परीक्षा देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। उनका यह भी कहना था कि विवादित प्रश्नों पर छात्रों से आपत्ति मांगी गई थी। सभी आपत्तियों पर विशेषज्ञों की कमिटी ने विचार कर निर्णय लिया। इसके बाद पीटी परीक्षा परिणाम जारी किया गया।
अभ्यर्थियों पर ऐक्शन में सख्ती न बरतें- हाई कोर्ट
इस मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने बीपीएससी अभ्यर्थियों पर सख्त कार्रवाई पर चिंता जाहिर की। अदालत ने आयोग से कहा कि कुछ अभ्यर्थियों को 3 साल तक के लिए परीक्षा से प्रतिबंधित कर दिया गया है, छात्रों पर इतनी ज्यादा सख्ती ठीक नहीं है।
दूसरी ओर, बीपीएससी ने भी कोर्ट में याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को गलत करार दिया। आयोग ने कहा कि उनके द्वारा अदालत में सही जानकारी दी गई है। उसी आधार पर अदालत ने पीटी परीक्षा के रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने सभी पक्षों की ओर से पेश दलील को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षितकरलिया।