BPSC पेपर लीक में ईओयू को हाई कोर्ट से राहत नहीं, निचली अदालत का फैसला बरकरार
BPSC 67वीं परीक्षा के पेपर लीक मामले में पटना हाई कोर्ट ने ईओयू की अर्जी खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं सिविल सेवा परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को पटना हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। हाई कोर्ट ने इओयू की ओर से दायर क्रिमिनल रिवीजन को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को सही बरकरार रखा है। जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ ने मामले पर बुधवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
ईओयू की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 8 मई, 2022 को 67वीं BPSC परीक्षा का एग्जाम शुरू होने के पूर्व ही प्रश्नपत्र वायरल किया गया था। प्रदेश के विभिन्न सेंटरों पर 8 मई को 67वीं बीपीएससी परीक्षा का आयोजन किया गया था। सूचना मिली कि परीक्षा का प्रश्नपत्र सोसल मीडिया पर वायरल हो गया है। आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज के अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बॉयकाट कर दिया था।
ईओयू की ओर से कहा गया कि वायरल पेपर और ओएमआर शीट को बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक को भेजा गया था। पेपर लीक की शिकायत पर अज्ञात ग्रुप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। सह आरोपी के बयान पर आवेदक को आरोपी बनाया गया, जिसे अदालत में चुनौती दी गई। इसके बाद कोर्ट ने उसे आरोपमुक्त कर दिया।
निचली अदालत के इस आदेश की वैधता को ईओयू ने पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट को बताया गया कि आवेदक अन्य आरोपियों के संपर्क में था। यही नहीं, उसने अपना मोबाइल फोन भी तोड़ दिया था। हालांकि, कोर्ट ने ईओयू की ओर से दी गई दलील को सुनने के बाद कहा कि प्रतिवादी के खिलाफ ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया जा सका जिससे उसे दोषी ठहराया जा सके। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आरोपमुक्त आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए इओयू की अर्जी को खारिज कर दिया।