BPSC की परीक्षा रद्द करने की मांग, पटना HC ने आयोग और नीतीश सरकार से मांगा हलफनामा
- उनका कहना था कि पीटी में गड़बड़ी के आरोप को लेकर अर्जी दायर की गई है। इस संस्था को कैसे पता की गड़बड़ी हुई है। कोर्ट ने आयोग व राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर कर अर्जी विचार योग्य है या नहीं इसपर भी जवाब देने का आदेश दिया।

बीपीएससी 70 पीटी को रद्द करने को लेकर दायर लोकहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बीपीएससी से जवाब-तलब किया है। कोर्ट ने 14 फरवरी तक जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया। आनंद लीगल एंड फोरम ट्रस्ट की ओर से दायर लोकहित याचिका पर कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुनवाई की। आयोग के वकील संजय पांडेय और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने दायर अर्जी पर सवाल उठाते हुए कहा कि आवेदक को अर्जी दायर करने काई अधिकार नहीं है।
उनका कहना था कि पीटी में गड़बड़ी के आरोप को लेकर अर्जी दायर की गई है। इस संस्था को कैसे पता की गड़बड़ी हुई है। कोर्ट ने आयोग व राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर कर अर्जी विचार योग्य है या नहीं इसपर भी जवाब देने का आदेश दिया। वहीं आवेदक की ओर से अमित आनंद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बहस में भाग लिया। इस अर्जी में केंद्र सरकार सहित सीबीआई, राज्य सरकार के गृह विभाग एवं डीजीपी को प्रतिवादी बनाया गया है।
इसके पूर्व इसी संस्था की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट के समक्ष अपनी बातों को रखने का निर्देश दिया था। इसके बाद पटना हाईकोर्ट में अर्जी दायर की गई है। गौरतलब है कि पप्पू कुमार व अन्य की ओर से दायर अर्जी पर न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ ने गत 16 जनवरी को सुनवाई करते हुए पीटी के रिजल्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार और आयोग को 30 जनवरी तक हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि परीक्ष का परिणाम अर्जी के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगा।