पेयजल और आवास योजना का मिले लाभ तो कम होगी लोगों की मुसीबत
बेतिया नगर निगम के वार्ड 44 के लोगों को तीन वर्षों से कोई सुविधाएं नहीं मिली हैं। नल जल, आवास योजना, और जल निकासी की कमी से लोग परेशान हैं। लगभग 500 परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं ले पा...
बेतिया नगर निगम में नव अधिग्रहित क्षेत्रों में शुमार वार्ड 44 के लोगों को कई सुविधाओं की दरकार है। यहां के लोगों को 3 वर्षों में कोई भी सुविधा नहीं मिली है। टैक्स देने के बाद भी सुविधा के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र से भी खराब स्थिति है। हर घर नल जैसी सुविधा नगर निगम में अधिग्रहित होने के बाद से नहीं मिली है। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के लिए लगभग 500 परिवार लाइन में हैं। कागजी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इन्हें प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए वर्षों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। अधिकांश परिवारों को सरकार से पर्चा की जमीन मिली हुई है। इसका रेंट फिक्सेशन नहीं है। रेंट फिक्सेशन नहीं होने से रसीद नहीं कट रहा है। इसके कारण भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र इन्हें नहीं मिलता है। भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं मिलने से यहां के गरीब लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना सपना बनकर रह गया है। यहां रोजगार का कोई साधन नहीं हैं। बरसात के दिनों में 4 महीना इस क्षेत्र में जलजमाव रहता है। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
शकुंतला देवी, मुख्तार मियां, जाकिम बिन, साबिर मियां ने बताया कि जब से हम लोग शहरी क्षेत्र में शामिल हुए हैं। तब से घरों में नल जल सेवा बंद है। वार्ड में मुर्गी फार्म होने से काफी प्रदूषण बढ़ गया है। साफ-सफाई की कोई सुविधा नहीं है। रोजाना सफाई नहीं होने से मच्छर-मक्खियों का प्रकोप बढ़ गया है। दिन में भी मच्छरदानी लगानी पड़ती है। स्ट्रीट लाइट की कोई सुविधा नहीं है। वार्ड में 90 फीसदी आबादी खेती किसानी और मजदूरी पर निर्भर है। वार्ड के विकास के लिए अतिरिक्त आवंटन की आवश्यकता है। स्मार्ट बिजली मीटर में ज्यादा पैसा कट रहा है। हमारी समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है। लोगों का कहना है कि शेखवना इंटरस्तरीय स्कूल में इंटर में नामांकन पर पहले व दूसरे वर्ष में 1200-1200 रुपये लिये जाते हैं। लेकिन बच्चों को रसीद नहीं दी जाती है। वार्ड प्रतिनिधि छबीला मुखिया ने बताया कि पिपरा चौक से बरवा घाट तक जल निकासी के लिए पक्का नाला निर्माण नहीं होने से लोगों को परेशानी होती है। बारिश होने पर सड़क पर पानी चढ़ जाता है। नाले का पानी घरों में घुस जाता है। बेतिया राज की सरकारी भूमि पर अस्पताल निर्माण होने से स्थानीय लोगों को सहूलियत होगी। रोजगार का साधन नहीं होने से लोगों को जीविकोपार्जन में समस्या होती है। यहां के लोगों के आय का मुख्य साधन खेती है। पर जलजमाव होने से फसल नहीं हो पा रही है। जलनिकासी की सुविधा नहीं होने से हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है। वार्ड के जुन्नु सिंह के जमीन से बहिया पुल होते हुए राजा के जिरात तक पहले से जो नाला है। उसकी सफाई नहीं होने से परेशानी होती है। नाले का अतिक्रमण कर लोगों ने कब्जा कर लिया है। अधिकारियों से इसको लेकर कई बार शिकायत की गई। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। वार्ड से सटे कचरा डंपिंग प्वाइंट है। इससे भी वहां रहने वालों लोगों को परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि गंदगी की वजह से बीमारियों का प्रकाेप बढ़ गया है।
प्रस्तुति -श्रीकांत तिवारी/ शत्रुघ्न शर्मा
नगर निगम क्षेत्र के नव विस्तारित इलाकों में जितने भी नए वार्ड हैं वहां पर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए सर्वे का काम किया जा रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। जलजमाव को लेकर बारिश से पूर्व नालों की सफाई कराई जाएगी। नल जल, आवास समेत अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने को लेकर कार्रवाई की जाएगी।
विनोद कुमार सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम
बरसात के दिनों में जल निकासी नहीं होने से वार्ड टापू में तब्दील हो जाता है। वार्ड के जुन्नु सिंह के जमीन से बहिया पुल होते हुए राजा के जिरात तक पहले से जो नाला है। उसकी सफाई कराने के लिए नगर निगम में प्रस्ताव रखूंगा। नाला पर दबंगों का कब्जा है। इसके कारण इसकी सफाई नहीं हो रही है। सफाई नहीं होने से हजारों एकड़ फसलें प्रतिवर्ष जल जमाव से बर्बाद हो जा रही है। वार्ड के लोगों का मूल पेशा खेती और मजदूरी है। लगभग 500 आवास विहीन परिवारों को प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।
- छबिला मुखिया, वार्ड प्रतिनिधि
सुझाव
1. नव अधिग्रहित क्षेत्र वार्ड 44 में कई सुविधाओं की कमी है। बेतिया राज की जमीन पर अस्पताल का निर्माण कराया जाए।
2. वार्ड में हर घर नल, स्ट्रीट लाइट, नाली-गली, पीसीसी आदि के निर्माण के लिए अतिरिक्त आवंटन दिया जाए।
3. खाली सरकारी जमीन पर उद्योग धंधे लगायी जाए। ताकि मजदूरी के लिए दूसरे प्रदेश नहीं जाना पड़े।
4. जल निकासी नहीं होने से बारिश के दिनों में जल जमाव की स्थिति बनी रहती है। जलनिकासी की व्यवस्था की जाय।
5. साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी होती है। जलनिकासी व नाले की सफाई करायी जाए।
शिकायतें
1. नव अधिग्रहित क्षेत्र के 90 फीसदी आबादी खेती व मजदूरी पर निर्भर है। गंदगी व जलजमाव से परेशानी होती है।
2. वार्ड में 60 फीसदी से ज्यादा लोगों के पास पक्का मकान नहीं है। आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
3. 3 वर्षों में स्ट्रीट लाइट नहीं लगा है। नल जल की व्यवस्था नहीं है। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है।
4. नगर निगम काे टैक्स देना पड़ता है।इसके बाद भी परेशानी उठानी पड़ रही है। शुद्ध पेयजल भी नहीं मिल रहा है।
5. रोजी रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं है। रोजी रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ता है।
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