बाहर के व्यापारी आकर कर रहे हैं गेहूं की खरीदारी
डुमरांव में गेहूं की खेती में कम रुचि देखी जा रही है, जहां 13 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल उगाई गई है। स्थानीय मजदूरों को कम मजदूरी मिलने से कटाई में रुचि कम हो गई है। सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य...

पेज पांच के लिए -------- कम रूचि 13 हजार हेक्टेयर में हुई है गेहूं की खेती, सरकारी मूल्य 2425 2750 रुपये में बाहर के व्यापारी कर रहे हैं गेहूं की खरीददारी डुमरांव, निज संवाददाता। खेतों में रबी फसलों की कटाई शुरू हो गई है। स्थानीय मजदूरों का कहना है कि मजदूरी कम मिलने से कटनी में कम रूचि दिखा रहे हैं। हालांकि, कमजोर वर्ग के किसान सपरिवार खेतों में कटनी कर रहे हैं। इधर, ज्यादा खेत वाले किसान हार्वेस्टर से कटनी करा रहे हैं। बता दें कि, प्रखंड में 12 हजार 919 हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई है। उसी तरह चना की खेती 653 हेक्टेयर, मटर 67 हेक्टेयर, मसूरी 438 हेक्टेयर, सरसो 169 हेक्टेयर और तीसी की खेती 12 हेक्टेयर में की गई है। ई-किसान भवन में कार्यरत किसान सलाहकारों का कहना है कि सरकार ने चालू वर्ष में गेहूं खरीद का समर्थन मूल्य 2425 रुपये निर्धारित किया है। जो पिछले साल की तुलना में 150 रुपया अधिक है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बाहर से आए व्यापारी गेहूं खरीद में गिद्ध दृष्टि लगाए हैं। बड़े-बड़े वाहनों को लेकर खलिहानों में पहुंच रहे हैं। सरकारी रेट से अधिक कीमत मिलने पर किसान व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं या सौदा कर लेते हैं। पिछले साल की तूलना में गेहूं खरीद का समर्थन मूल्य 150 रुपया अधिक है। लेकिन, किसानों में इसका प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। बाहरी व्यापारी बधार में ही जाकर खरीद का सौदा कर लेते हैं। किसानों ने बताया की सरकार के समर्थन मूल्य से क्विंटल पर ढाई से तीन सौ रुपये का फायदा मिल रहा है। खेती करने के लिए घर में रखा जमा पूंजी और सूद पर पैसा लिया गया है। इसलिये अगर पैसा और सही मूल्य मिलेगा तो हमलोग फसल बेचेंगे।
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