रेलवे पर सीबीआई का ऐक्शन, मुजफ्फरपुर में रेड; कमीशनखोरी में अब तक 3 अफसर समेत 4 गिरफ्तार
रेलवे की निगरानी विभाग ने अनियमितता और कमीशनखोरी को लेकर सीबीआइ में शिकायत की थी। सत्यापन के बाद सीबीआइ पटना की एसीबी शाखा ने 25 अप्रैल को केस दर्ज कर विधिवत जांच शुरू की।

रेलवे में ट्रैक फिटिंग की सप्लाई और फिर रसीद देने में कमीशनखोरी और रिश्वत लेकर कम दाम पर रेलवे की स्कैप बेचे जाने का तार अब सोनपुर रेल मंडल के नारायणपुर अनंत और गरहरा स्टेशन के कैरेज एंड वैगन विभाग से जुड़ गया है। पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर, पटना, डेहरी ऑन सोन, मुजफ्फरपुर, नारायणपुर अनंत और गड़हरा जैसे प्रमुख स्थानों पर सीबीआई और रेलवे विजिलेंस की संयुक्त टीमें छापेमारी कर रही हैं। इस मामले में अब तक चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिनमें तीन अफसर हैं।
सीबीआई की एंटी करप्शन ब्यूरो की दो टीमों ने गुरुवार को छापेमारी की। नारायणपुर अनंत में छापेमारी का नेतृत्व केस की आईओ डिप्टी एसपी रूबी चौधरी ने की। इस मामले में उन्होंने नारायणपुर अनंत कैरेज एंड वैगन विभाग के कर्मचारियों से जहां 11 घंटों तक पूछताछ की। साथ की सप्लाई से संबंधित सभी रिकॉर्ड्स को देखा। साथ ही आधा दर्जन से अधिक रिकॉर्ड्स रजिस्टर को भी जब्त कर आगे की जांच के लिए अपने साथ लेकर गई।
नारायणपुर अनंत स्टेशन पर सीबीआइ छापेमारी से हड़कंप मचा है। कोई भी स्थानीय स्टाफ कुछ बोलने को तैयार नहीं है। सफिलहाल नारायणपुर अनंत स्टेशन से एक रेलकर्मी को गिरफ्तार किया गया है। आरपीएफ नारायणपुर अनंत ने सीबीआइ छापेमारी की पुष्टि की है। कार्रवाई के दौरान सभी रेल कर्मियों मोबाइल फोन बंद करा दिए गए और उन्हें एक कमरे में बैठाकर एक-एक कर पूछताछ की गई। यह कार्रवाई 11 घंटे तक चली जिससे रेलवे के वैगन डिपो और इंजीनियरिंग विभाग में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
मालूम हो कि रेलवे की निगरानी विभाग ने अनियमितता और कमीशनखोरी को लेकर सीबीआइ में शिकायत की थी। सत्यापन के बाद सीबीआइ पटना की एसीबी शाखा ने 25 अप्रैल को केस दर्ज कर विधिवत जांच शुरू की। इसमें पूर्व मध्य रेलवे के डेहरी ऑन सोन के सीनियर सेक्शन इंजीनियर, विभाग के हेल्पर सहित अन्य को आरोपित बनाया था। उसके बाद सीबीआई ने चार को गिरफ्तार भी किया। सेक्शन इंजीनियर राजकुमार सिंह सहित चार लोगों की गिरफ्तारी से जांच एजेंसी को कई अहम सुराग मिले, जिसके बाद मुजफ्फरपुर और गड़हरा में यह ताजा कार्रवाई हुई।
जांच में खुलासा हुआ है कि रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी निजी ठेकेदारों के साथ मिलकर लोहा और स्क्रैप चोरी का एक बड़ा नेटवर्क चला रहे थे। इस घोटाले में दानापुर से डेहरी तक करोड़ों रुपये की रेलवे संपत्ति को अवैध रूप से बेचा गया। जिस संवेदक ने डेहरी ऑन सोन में ट्रैक फिटिंग का सामान दिया था वही संवेदक सोनपुर रेलमंडल के नारायणपुर अनंत और गरहरा कैरेज एंड वैगन को फिटिंग की सप्लाई की थी। जिसे लेकर सीबीआई ने दोनों जगह छापेमारी है। इस दौरान कई तरह की अनियमितता मिलने की सूचना है। सीबीआई की ओर से इस संबंध में अधिकारी बयान जारी नहीं किया है लेकिन सीबीआई की कार्रवाई से रेल महकमे में हलचल मची है।