बच्चों के शारीरिक- मानसिक विकास को आहार विविधता पर ध्यान जरूरी
जन्म के छह माह तक सिर्फ व सिर्फ मां का दूध ही बच्चों को पिलाएं: डीपीओ रवाइजर व सेविका सम्मानित शहर के प्रेक्षा गृह में पोषण मेला भी लगा फोटो 8 शहर के प्रेक्षा गृह में राष्ट्रीय पोषण पखवारा के समापन के...

जन्म के छह माह तक सिर्फ व सिर्फ मां का दूध ही बच्चों को पिलाएं: डीपीओ पोषण पखवारा के समापन पर बेहतर कार्य करने वाली सीडीपीओ, सुपरवाइजर व सेविका सम्मानित शहर के प्रेक्षा गृह में पोषण मेला भी लगा फोटो 8 शहर के प्रेक्षा गृह में राष्ट्रीय पोषण पखवारा के समापन के अवसर पर डीपीओ कुमारी अनुपमा व साथ में सीडीपीओ, सुपरवाइजर, सेविकाएं व अन्य पेज चार की लीड छपरा, नगर प्रतिनिधि। राष्ट्रीय पोषण पखवारे के समापन के मौके पर गुरुवार को शहर के प्रेक्षा गृह में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। आईसीडीएस की डीपीओ कुमारी अनुपमा ने सेविकाओं व माताओं के साथ पोषण पर चर्चा के समय कहा कि बच्चों को छह माह तक सिर्फ और सिर्फ मां का दूध ही पिलाएं। छह माह पूरा होने के बाद बच्चों को ऊपरी आहार देना जरूरी है ताकि उसे उचित मात्रा में पोषक तत्व मिल सके। पोषण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने पर भी बल दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से जनमानस को यह संदेश देना है कि बच्चे के सही शारीरिक व मानसिक विकास के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार के साथ स्वच्छता और बच्चे की वृद्धि निगरानी भी बहुत जरूरी है। शारीरिक रूप से कमजोर बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण वह बार बार बीमारी पड़ेगा और अपने साथ के बच्चों से पीछे रह जाएगा। बताया गया कि बच्चों के सही शारीरिक और मानसिक विकास के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार के साथ स्वच्छता और बच्चे की वृद्धि निगरानी भी बहुत जरूरी है। शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण वह बार-बार बीमार पड़ेगा और अपने साथ के बच्चों से पीछे रह जाएगा। ऐसे बच्चों के माता-पिता को बच्चों की विशेष देखभाल के लिए प्रेरित करना है।समारोह के दौरान सभी अधिकारियों, सेविकाओं, प्रतिभागियों एवं दर्शकों को कुपोषण मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए शपथ दिलाई गई। डीपीओ अनुपमा ने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे समाज के हर तबके में पोषण के प्रति जागरूकता फैलाएं। शून्य से छह माह के बच्चे को सिर्फ स्तनपान पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिदार्थ सिंह ने बताया कि प्रारंभिक अवस्था में उचित पोषण नहीं मिलने से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो सकता है। इसलिए जब भी मां बन रहीं हो शिशु के नियमित स्तनपान के फायदों बारे में जानकारी जरूर लें। शून्य से छह माह के बच्चे को सिर्फ स्तनपान और 6 से 8 माह के शिशुओं को स्तनपान के साथ पौष्टिक ऊपरी आहार देना चाहिए। जिला मिशन समन्वयक निभा सिंह ने भी बताया कि छ्ह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराने से दस्त और निमोनिया के खतरे से बचाया जा सकता है। 9 से 24 माह के बच्चों को स्तनपान के साथ तीन बार अर्द्ध ठोस पौष्टिक आहार देना चाहिए। बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए आहार की विविधता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। पोषण पखवारा के गतिविधियों में सहयोग पर सम्मान पोषण पखवारा में आयोजित विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले लोगों को भी कार्यक्रम के दौरान प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया। इनमें संजय भारद्वाज, सीएफ़एआर के जिला कार्यक्रम समन्वयक गणपत आर्यन, जिला टीम लीडर दिलीप मिश्रा, जिला प्रोजेक्ट सुगमकर्ता भानु प्रिया, आगा खान फाउंडेशन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अभय कुमार झा, चालक रविकेश कुमार, छपरा सदर की सेविका आशा देवी व सीता देवी शामिल थीं। एफआरएस में इकेवाईसी शतप्रतिशत पूर्ण करने पर उत्साहवर्धन फेस रिकॉग्नाइज सिस्टम के तहत शतप्रतिशत ई केवाईसी करने वाली सेविकाओं को भी मोमेंटो प्रमाण पत्र देकर डीपीओ ने प्रोत्साहित किया। इनमें अमनौर की सेविका आशा मुन्नी देवी, छपरा ग्रामीण की सुनीता कुमारी, छपरा सदर की पुष्प लता देवी, नगरा की पूजा देवी शामिल थीं। इसके अलावा एफआरएस के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला सुपरवाइजरों को भी सम्मानित किया गया। इनमें अमनौर की पूनम कुमारी, खुशबू कुमारी, रुबी कुमारी, सरिता कुमारी, रोहिणी वर्मा, छपरा ग्रामीण की रुचि कुमारी, प्रीति कुमारी, कुमारी माला रानी, मुन्नी कुमारी, छपरा सदर की पूनम कुमारी नंबर वन, प्रियंका कुमारी सिंह, पूनम कुमारी नंबर दो, दरियापुर की कुसुम शर्मा, नगरा की ज्योति कुमारी ,प्रिया राज, शिखा कुमारी, मांझी की रजनी वाला व पूनम कुमारी शामिल थीं। एफआरएस में प्रखड समन्वयक अमनौर की डॉली कुमारी को प्रथम,नगरा के सद्दाम हुसैन को दूसरा, छपरा ग्रामीण की सुनीता कुमारी को तीसरा स्थान मिला। पोषण पखवारा में बेहतर कार्य करने पर इसुआपुर की प्रखंड समन्वयक निशा कुमारी को प्रथम, छपरा सदर की सोनम कुमारी को दूसरा व नगरा के सद्दाम हुसैन को तीसरा स्थान मिला। बेहतर उपलब्धि पर सीडीपीओ भी सम्मानित कार्यक्रम के दौरान जिले की कई सीडीपीओ को मोमेंटो व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया पोषण पखवाड़ा में बेहतर कार्य करने पर इसुआपुर की सीडीपीओ चंद्रकांति कुमारी, छपरा सदर की सीडीपीओ ममता कुमारी व नगरा की सीडीपीओ नीतू सिंह को पुरस्कृत किया गया। साथ ही फेस रिकॉग्नाइज्ड सिस्टम को अमलीजामा में सराहनीय कार्य करने पर अमनौर की सीडीपीओ सौम्या को प्रथम,नगरा कीसीडीपीओ नीतू सिंह को द्वितीय व छपरा ग्रामीण की सीडीपीओ जया कुमारी को तृतीय स्थान मिलने पर डीपीओ ने पुरस्कृत किया। इस मौके पर सीडीपीओ आशा कुमारी, श्वेता कुमारी, अंजू सिंह, जया कुमारी, पिंकी कुमारी जिला प्रोग्राम असिस्टेंट अरविंद कुमार व अन्य ने भी सक्रिय भूमिका निभायी। पोषण मेला में मोटा अनाज से बने व्यंजनों की मिली वाहवाही फ़ोटो 16 पोषण मेला में बने व्यंजनों का अवलोकन करती महिला पदाधिकारी छपरा,नगर प्रतिनिधि। मोटे अनाज से तैयार किए गए विभिन्न स्वादिष्ट व पौष्टिक व्यंजनों की प्रदर्शनी भी पोषण मेला में लगी थी। मेला में मोटा अनाज से बने व्यंजन काफी स्वादिष्ट थे। व्यंजनों के माध्यम से बताया गया कि मोटे अनाज जैसे- ज्वार, बाजरा, रागी, और कोदो जैसे अनाजों को बेहतर अनाज के रूप में मान्यता दी गई है। यह अनाज न केवल पोषण से भरपूर होते हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं। मोटे अनाज फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स, और खनिजों से भरपूर होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। मिलेट रेसिपी पुरस्कार से सेविकाओं को पुरस्कृत भी किया गया। इनमें अमनौर जया देवी, बनियापुर ममता श्रीवास्तव, छपरा ग्रामीण प्रियंका कुमारी, छपरा सदर श्रद्धा कुमारी, दरियापुर सरोज कुमारी, दिघवारा बिंदु सिंह, एकमा आरती कुमारी, गड़खा आशा देवी, इसुआपुर रेणु देवी ,जलालपुर मीना देवी,लहलादपुर सुमित्रा कुमारी, मकेर संगीता देवी , मशरक रुखसार परवीन, मांझी दीपा कुमारी, नगरा शहनाज परवीन, पानापुर नीरज कुमारी, परसा जय ललिता सिंह, रिविलगंज रीता देवी, सोनपुर पूनम पांडेय व तरैया इंदु राय शामिल है। मोटे अनाज से बने व्यंजनों का लुफ्त उठाने के बाद लोगों ने कहा कि इस तरह के व्यंजन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से काफी लाभकारी होते हैं।
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